बिहार (Bihar) के रोहतास जिले के चंदनपुरा गांव के सुशील शर्मा भी उत्तराखंड के उत्तरकाशी (Uttarkashi Tunnel Rescue) की सिल्करा टर्मिनल में फंस गए थे. सुशील शर्मा के सुरक्षित बाहर निकालने के बाद से उनके घर पर जश्न का माहौल है. सुशील के पिता रामदेव शर्मा और पत्नी गुड़िया देवी ने रेस्क्यू टीम और उत्तराखंड सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया है.
सुशील के घर पर जश्न का माहौल
सुशील के परिजनों ने बताया कि टनल निर्माण से जुड़ी कंपनी में वो पिछले 10 सालों से हाइड्रा मशीन चलाने की काम कर रहे हैं. वो पिछले 11 महीनों से अपने घर नहीं आए थे. उन्होंने दीपावली और छठ पर घर आने का वादा किया था, लेकिन वो इससे पहले ही सुरंग में फंस गए.
सुशील के पिता राजदेव शर्मा और पत्नी गुड़िया देवी ने कहा कि उन्होंने सभी दुखों का सामना किया, लेकिन उनके टर्मिनल से बाहर आने के बाद परिवार में खुशी का माहौल है.
"सभी मजदूर निकल गए हैं, इससे बड़ी खुशी की बात और क्या होगी. सभी को नया जन्म मिला है. 17 दिन कैसे गुजरा है, ये तो भगवान ही जानते हैं."राजदेव शर्मा, सुशील के पिता
सुशील के पिता ने बताया कि वो 2-4 दिन में अपने घर आएंगे. वहीं सुशली की पत्नी गुड़िया देवी और बच्चों ने उनके सकुशल सुरंग से बाहर निकलने पर खुशी जताई है. गुड़िया देवी बताती हैं कि उन्होंने अपने पति की सुरक्षित रेस्क्यू के लिए भगवान से मन्नत भी मांगी है. वहीं सुशील के माता-पिता ने उसके घर वापस आने पर पूजा-पाठ करने की योजना बनाई है.
बता दें कि 12 नवंबर को दिवाली के दिन उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा ढहने की वजह से 41 मजदूर उसी में फंस गए थे. मजदूरों को निकालने के लिए 400 घंटों से ज्यादा का रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया. जिसके बाद मंगलवार, 28 नवंबर की शाम को सभी मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल गया.
(इनपुट: महीप राज)
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