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वाराणसी ज्ञानवापी विवाद: प्रशासन की मौजूदगी में सील वजूखाना की सफाई

Supreme Court ने अपने आदेश में कहा था कि जिला प्रशासन की देखरेख में वजूखाने की सफाई की जाएगी.

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राज्य
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UP: वाराणसी के चौक थाना अंतर्गत स्थित ज्ञानवापी परिसर में मौजूद सील वजूखाने की सफाई की गई. 20 जनवरी सुबह लगभग 9:15 बजे दोनों पक्ष से दो-दो पक्षकार, अधिवक्ता पुलिस और प्रशासन के अधिकारी समेत सफाईकर्मी अंदर पहुंचे और सफाई करवाया गया. SC के आदेश पर जिलाधिकारी वाराणसी ने ज्ञानवापी परिसर स्थित सील वजूखाने की साफ-सफाई का निर्णय लिया था.

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जिलाधिकारी ने तय की तारीख

वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में मौजूद सील वजूखाने की साफ-सफाई को लेकर हिंदू पक्ष की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सहमति जताई थी. न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि जिला प्रशासन की देखरेख में वजूखाने की सफाई की जाएगी. हालांकि, इस दौरान ध्यान रखा जाएगा कि कोर्ट के पिछले किसी भी आदेश की अवहेलना न हो. इस आदेश के आलोक में जिलाधिकारी एस राज लिंगम ने बैठक बुलाई, और दोनों पक्ष के सामने 20 जनवरी की डेट तय की गई.

क्या है पूरा विवाद?

वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिसर में कोर्ट कमिश्नर सर्वे के दौरान वजूखाने में शिवलिंग जैसी आकृति मिली थी. इसकी जानकारी होने पर सुप्रीम कोर्ट ने इसे सील करने का आदेश दिया था.

हिंदू पक्ष ने वजूखाना सील करने के दौरान मछलियों की मौजूदगी की बात बताई थी, लंबा वक्त बीतने के कारण मछलियों की मौत होने से वजूखाने से दुर्गंध आ रही है.

हिंदुओं ने शिवलिंग के आसपास दुर्गंध को हिंदू आस्था पर चोट बताया. ऐसे में इसके साफ-सफाई की मांग की गई थी.

सुप्रीम कोर्ट ने जिला मजिस्ट्रेट को साफ सफाई करने का निर्देश दिया था. 18 जनवरी को वाराणसी के जिलाधिकारी एस राज लिंगम ने हिंदू और मुस्लिम पक्ष के साथ बैठक की, जिसमें शनिवार को साफ सफाई का निर्णय हुआ.

CRPF की सुरक्षा में वजूखाना

ज्ञानवापी परिसर के वजूखाने में मिले कथित शिवलिंग को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सील कर दिया गया था. इसकी सुरक्षा में सीआरपीएफ के जवान तैनात किए गए थे. तब से अब तक यहां किसी का प्रवेश नहीं हो सका है. मुस्लिम पक्ष ने मछलियों के मरने की बात पर जोर देते हुए सफाई की मांग की थी, तो वहीं हिंदू पक्ष भी सफाई की मांग कर रहा था

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