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राजस्थान बीजेपी में दरार- अब वसुंधरा राजे का ऑडियो वायरल

राजस्थान बीजेपी में भी पिछले कई महीनों से घमासान चल रहा है.

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राजस्थान बीजेपी (Rajasthan) में पिछले कई महीनों से चल रहे घमासान के बीच अब पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (Vasundhra Raje) का एक ऑडियो वायरल हो गया है. ये कथित ऑडियो 'वसुंधरा राजे समर्थक मंच' जोधपुर के अध्यक्ष ताराचंद और वसुंधरा राजे की बातचीत का बताया जा रहा है. इस ऑडियो में वसुंधरा राजे इस मंच को कुछ समय और चलाने के लिए कह रही हैं.

इस मंच से वसुंधरा राजे के समर्थक जुड़े हैं और राज्य में अपनी पकड़ मजबूत रखने के लिए वो इसे सपोर्ट करती हैं.
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वायरल हो रहे करीब एक मिनट के इस ऑडियो में ताराचंद उन्हें एक कार्यक्रम की जानकारी दे रहे हैं. वो पहले अपना परिचय देते हैं और इसके बाद एक कार्यक्रम की जानकारी देते हैं. इसके जवाब में वसुंधरा राजे उनका शुक्रिया करती हैं. ताराचंद बताते हैं, "पिछले छह महीने से हमारा मंच काफी अच्छा चल रहा है." इसके बाद वसुंधरा राजे कहती हैं, "इसको थोड़ा चलाए रखना." ये ऑडियो करीब एक महीने पुराना बताया जा रहा है.

इस ऑडियो तो लेकर ताराचंद ने दैनिक भास्कर को बताया कि जिस दिन का ये ऑडियो है, उस दिन मंच की तरफ से जरूरतमंदों के लिए भोजन वितरण का कार्यक्रम रखा गया था. ताराचंद ने कहा कि "इस ऑडियो में मैडम ने कोई गलत बात नहीं कही और उन्होंने मंच की तरफ से सामाजिक कामों को जारी रखने की बात कही थी."

राजस्थान बीजेपी में क्यों मचा है घमासान?

राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता वसुंधरा राजे के समर्थकों ने अब खुलकर बगावत शुरू कर दी है. वसुंधरा को लेकर लगातार शक्ति प्रदर्शन किया जा रहा है, जिससे राजस्थान की सियासत में एक बार फिर हलचल तेज है.

राजस्थान में करीब डेढ़ साल बाद 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अभी से अपनी ताकत दिखानी शुरू कर दी है, क्योंकि राजस्थान बीजेपी में लगातार अटकलें चल रही हैं कि इस बार वसुंधरा का पत्ता कट सकता है.

राजे समर्थकों ने कमर कसनी शुरू कर दी है, पार्टी को हर तरह से चेतावनी देने की कोशिश चल रही है कि अगर वसुंधरा को किनारे किया गया तो बड़ी बगावत छिड़ सकती है. यहां तक कि वसुंधरा राजे समर्थक ये ऐलान कर चुके हैं कि- "राजस्थान में राजे ही बीजेपी है और बीजेपी राजे है."

ये बयान राज्य के पार्टी नेताओं को रास नहीं आया और फिर दोतरफा युद्ध शुरू हो गया. इसपर सतीश पूनिया और विपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया ने पलटवार करते हुए कहा था कि कोई भी नेता पार्टी से ऊंचा नहीं होता और पार्टी का अनुशासन पहले आता है.

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