मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) की अध्यक्षता में हुई राजस्थान (Rajasthan) मंत्रिपरिषद की बैठक में पेट्रोल पर 4 रुपए और डीजल पर 5 रुपए प्रति लीटर वैट में कटौती की गई. यह फैसला मंगलवार 16 नवंबर रात्रि 12 बजे से लागू होगा.
सरकार की तरफ से बताया गया कि, केंद्र सरकार द्वारा बीते दिनों पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में की गई कमी के चलते राज्य के राजस्व में संभावित 1800 करोड़ रुपए सालाना की कमी के बावजूद ये फैसला लिया गया है.
राज्य सरकार ने पहले भी इस साल की शुरुआत में पेट्रोल-डीजल पर वैट में 2 प्रतिशत की कमी कर प्रदेश की जनता को 1 हजार करोड़ रुपए की राहत दी थी. इस प्रकार राज्य सरकार को पहले से ही 2800 करोड़ रुपए की राजस्व हानि का सामना करना पड़ रहा है और मंत्रिपरिषद में लिए गए आज के फैसले से यह राजस्व हानि बढ़कर 6300 करोड़ रुपए सालाना हो जाएगी.
जनता को नहीं मिलेगी इससे राहत
बैठक में बताया गया कि कोविड लॉकडाउन के दौरान 6 मई 2020 को केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर 10 एवं डीजल पर 13 रुपए प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई थी. इसके बाद इस वर्ष भी पेट्रोल की करीब 27 और डीजल की कीमत करीब 25 रुपए प्रति लीटर बढ़ी है. अब पेट्रोल पर केवल 5 रुपए और डीजल पर 10 रुपए प्रति लीटर कम कर जनता को राहत देने की बात कही जा रही है.
बैठक में आगे कहा गया कि, केंद्र द्वारा पेट्रोल पर 5 रुपए तथा डीजल पर 10 रुपए प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी में की गई यह कमी नाकाफी है और जनता को इससे स्थाई राहत नहीं मिल सकेगी.
गहलोत सरकार ने कहा कि, कोविड वैश्विक महामारी के कारण चालू वित्तीय वर्ष में राज्य के राजस्व में अक्टूबर माह तक 20 हजार करोड़ रुपए की भारी कमी आई है. केंद्र द्वारा राज्य को 5,963 करोड़ रुपए के जीएसटी का बकाया उपलब्ध नहीं कराना भी इसका एक बड़ा कारण है.
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