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कानपुर के गांव में डेंगू और वायरल बुखार की दहशत, प्रशासन पर आरोप

उत्तर प्रदेश में पिछले कई दिनों से डेंगू और बुखार के मामले बढ़ते जा रहे है

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राज्य
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उत्तर प्रदेश (UP) में वायरल बुखार के बढ़ते मामले चिंता का विषय बनते जा रहे हैं. फिरोजाबाद से शुरू हुए डेंगू ने धीरे-धीरे प्रदेश के अन्य जिलों में अपने पैर पसारना शुरू कर दिया है. कानपुर में भी पिछले कई दिनों से डेंगू और बुखार के मामले बढ़ते जा रहे हैं.

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जिले के कल्याणपुर के करसौली गांव में सबसे ज्यादा मामले आने से जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया है. जिसके चलते स्वास्थ्य और प्रशासन की टीम गांव में डेरा डाल दिया है. सरकार की तरफ से नियुक्त नोडल अधिकारी ने गांव पहुंचकर स्वास्थ्य संबंधित व्यवस्थाओं की मॉनिटरिंग शुरू कर दी है.

डेंगू से कई लोग पीड़ित, 5 लोगों की मौत

ग्रामीण सौरभ सिंह ने बताया कि, हमारा गांव करसौली और ब्लॉक कल्याणपुर है जहां पर डेंगू बीमारी फैली हुई है. यहां पर 35 लोग अस्पताल में भर्ती हैं, 16 लोगों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है जिसमें 14 लोग सही हो चुके हैं और 2 का इलाज अभी भी चल रहा है. लगभग 5 लोगों की डेंगू से मौत हो चुकी है.

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सौरभ सिंह ने कहा पिछले 3 दिनों से जितनी सफाई की व्यवस्था गांव में की जा रही है अगर इतना पहले ध्यान दे दिया होता तो शायद गांव में बीमारी नहीं फैलती. प्रधान ने तो प्रयास किया है लेकिन विधायक को जानकारी है कि नहीं इसकी पता मुझे नहीं है. हो सकता है अब पेपर के माध्यम से पता चल गया. गांव में डेंगू का डर इतना है कि लोग गांव छोड़कर अपने रिश्तेदारों के घर चले गए हैं.

सौरभ बताते हैं कि, अब तक करीब 25 लोगों ने गांव छोड़ दिया है कोई मामा के घर तो कोई नानी के घर चला गया है, और भी लोग गांव छोड़कर जाने की तैयारी में है शासन कर पहले जागरूक हो जाता तो शायद लोग गांव छोड़कर अपने रिश्तेदारों के घर नहीं जाते.
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एक अन्य ग्रामीण रमेश चंद्र ने बताया कि, कम से कम 10 से 15 परिवार इस बीमारी से पीड़ित हैं. ग्रामीणों में बीमारी को लेकर दहशत है. जिसकी मुख्य वजह गांव में फैला हुआ डेंगू है जिसके कारण 4 लोगों की मौत हो चुकी है. उन्होंने बताया कि सरकार की तरफ से दवा का छिड़काव हो रहा है, लेकिन ज्यादातर मरीज प्राइवेट अस्पताल में अपना इलाज करा रहे हैं.

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नोडल अधिकारी ने दिया जवाब

नोडल अधिकारी अनिल गर्ग ने इस दहशत को लेकर कहा कि, जितने भी लोग इस गांव के भर्ती थे उसमें 100 से अधिक लोगों की सैंपलिंग कराई गई है जिसमें 16 लोगो मे डेंगू की पुष्टि हुई है. लेकिन 14 लोगों में दोबारा सैंपलिंग में किसी भी प्रकार की पुष्टि नहीं हुई है, सभी की हालत सामान्य है. केवल 2 ही लोग ऐसे हैं जिनमें डेंगू की पुष्टि हुई है.

लेकिन गांव वालों ने बताया है कि 30 लोग अन्य प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती हैं जिनकी पुष्टि के लिए सीएमओ साहब के द्वारा टीम बनाई जाएगी और वो खुद भी जांच करेंगे और अस्पतालों में जा कर यह चेक करेंगे कि जो 30 लोग भर्ती हैं वह डेंगू से पीड़ित हैं या फिर किसी अन्य बीमारी से.

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अधिकारी ने आगे कहा कि, अगर कोई भी मरीज डेंगू से पीड़ित है और प्राइवेट अस्पताल में भर्ती है तो उसे सरकारी अस्पताल लाकर उसका सरकारी खर्चे पर इलाज करवाया जाएगा और उसे पूरी तरीके से ठीक करवाया जाएगा. वही पिछले 3 दिनों से सीएमओ,एसडीएम व डीपीआरओ गांव की सफाई व्यवस्था पर भी विशेष ध्यान दे रहे हैं.

शहरी क्षेत्र में अगर कहीं पर डेंगू का मरीज निकला है तो उसे हॉटस्पाट मानते हुए उसके आसपास के क्षेत्रों में लगभग पचास पचास घरों की सैंपली कराई जाएगी. क्षेत्रीय लोगों को जागरुक करने के लिए जिलाधिकारी व सीएमओ की तरफ से पंपलेट व प्रचार-प्रसार की व्यवस्था की जा रही है, जिसके द्वारा लोगों को इस बीमारी को लेकर जागरुक किया जा सकेगा. जितने भी विद्यालय हैं सभी को निर्देशित किया गया है कि सफाई व्यवस्था पर विशेष ध्यान दें.

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