पश्चिम बंगाल में शनिवार को विधानसभा चुनाव 2021 के चौथे फेज के लिए वोटिंग हो रही है. इस फेज में केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो, पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी और अरूप बिस्वास जैसे चेहरे चुनावी मैदान में हैं. बता दें कि इस फेज में उत्तर बंगाल में कूचबिहार और अलीपुरद्वार जिलों के साथ-साथ दक्षिण 24 परगना, हावड़ा और हुगली में कुल 44 विधानसभा सीटों पर मतदान हो रहा है.
शनिवार को होने वाले मतदान में कुल 11581022 वोटर 373 उम्मीदवारों के राजनीतिक भविष्य का फैसला कर सकेंगे. निर्वाचन आयोग ने 44 निर्वाचन क्षेत्रों में बनाए 15940 मतदान केंद्रों में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की कम से कम 789 टुकड़ियों को तैनात किया है. सीएपीएफ की सबसे ज्यादा टुकड़ियों की तैनाती कूच बिहार में होगी, जहां चुनाव प्रचार के दौरान हिंसा की छिटपुट घटनाएं देखी गई थीं. ऐसी ही एक घटना में तृणमूल कांग्रेस के कथित समर्थकों ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष पर हमला किया था.
चौथे फेज में होने वाले हाई प्रोफाइल मुकाबलों में कोलकाता में बंगाली फिल्म उद्योग का दिल कहे जाने वाले टॉलीगंज से बाबुल सुप्रियो और मौजूदा विधायक अरूप बिस्वास के बीच चुनावी जंग दिलचस्प है. वहीं टीएमसी के महासचिव पार्थ चटर्जी लगातार चौथी बार विधानसभा चुनाव जीतने की कवायद में बेहाला पश्चिम सीट से बीजेपी की उम्मीदवार और फिल्म अभिनेत्री श्राबंती चटर्जी को टक्कर दे रहे हैं.
शनिवार को होने वाले चुनाव में टीएमसी से बीजेपी में शामिल हुए राजीव बनर्जी के राजनीतिक भविष्य का भी फैसला होगा. ममता बनर्जी मंत्रिमंडल में पूर्व मंत्री राजीव बनर्जी हावड़ा जिले के दोमजुर से चुनाव लड़ रहे हैं. टीएमसी का साथ छोड़ बीजेपी में शामिल सुवेंदु अधिकारी और राजीव बनर्जी लगभग हर चुनावी सभा में टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी के निशाने पर रहे हैं और उन्होंने उन्हें ‘‘गद्दार’’ और मीर जाफर तक बुलाया गया है.
गौरतलब है कि मीर जाफर ने 1757 में प्लासी की ऐतिहासिक लड़ाई में बंगाल के नवाब सिराज-उद-दौला के साथ गद्दारी की थी.
वहीं राजीव बनर्जी ने चुनावी सभाओं में कहा है कि टीएमसी की ‘‘भ्रष्ट नीतियों’’ और उसके नेताओं के अहंकार और जन विरोधी कदमों के कारण पार्टी में बने रहना असंभव हो गया था.
इस चरण में बीजेपी के सांसद लॉकेट चटर्जी और नितिश प्रमाणिक हुगली और कूचबिहार जिलों में क्रमश: चुचुड़ा और दिनहाटा सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं. उनके चुनाव लड़ने पर चुटकी लेते हुए ममता बनर्जी ने कहा था कि भगवा पार्टी के पास योग्य उम्मीदवार नहीं है जिसके चलते उसे अपने सांसदों को चुनावी मैदान में उतारना पड़ा है. इस पर बीजेपी ने कहा कि सांसदों को उम्मीदवार बनाना यह दिखाता है कि वो पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव को कितनी अहमियत देती है.
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