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शाहीन बाग में अब आगे क्या, SC का फैसला होगा निर्णायक ?

दिल्ली चुनाव के नतीजों के बाद, एक बार फिर सबका ध्यान शाहीन बाग पर जहां CAA के विरोध में महिलाएं प्रदर्शन कर रही है

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दिल्ली चुनाव के नतीजों के बाद, एक बार फिर सबका ध्यान शाहीन बाग पर है. जहां नागरिकता कानून (CAA) के विरोध में लगभग 50 दिनों से महिलाएं प्रदर्शन कर रही है.

शाहीन बाग में आखिर आगे क्या होगा, प्रदर्शनकारियों को हटाने की मांग वाली याचिका पर कोर्ट ने कहा था कि सार्वजनिक जगह पर ज्यादा दिनों तक धरना ठीक नहीं है.

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क्विंट से बातचीत में बिलकिस दादी ने कहा कि वो तब तक पीछे नहीं हटेंगी जब तक CAA को वापस नहीं लिया जाता. बिलकिस दादी उन तीन दादियों में शामिल है जिन्होंने पहले दिन से शाहीन बाग प्रदर्शन को मजबूती दी है.
“हमें यहां बैठने का शौक नहीं है. हम अपने बच्चों और घरों को छोड़कर यहां बैठे है. मोदी जी हिलने का नाम नहीं ले रहे. तो हम क्यों हटे, हम यहां तब तक प्रोटेस्ट करते रहेंगे जब तक CAA को वापस नहीं लिया जाता.”
बिलकिस दादी, शाहीन बाग
दिल्ली चुनाव के नतीजों के बाद, एक बार फिर सबका ध्यान शाहीन बाग पर जहां CAA के विरोध में  महिलाएं प्रदर्शन कर रही है
बिलकिस दादी उन तीन दादियों में शामिल है जिन्होंने पहले दिन से शाहीन बाग प्रदर्शन को मजबूती दी है.
(फोटो: आकांक्षा कुमार / द क्विंट)
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सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा ?

जस्टिस संजय किशन कौल ने 10 फरवरी को सुनवाई के दौरान कहा कि आप कैसे एक सार्वजनिक सड़क को रोक सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार, केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर एक हफ्ते में रिपोर्ट मांगी.

सुप्रीम कोर्ट ने सीधे तौर पर प्रदर्शनकारियों को हटाने का आदेश देने से इनकार कर दिया है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि अनंतकाल के लिए किसी सार्वजनिक रास्ते को बंद नहीं किया जा सकता है. जस्टिस कौल ने कहा कि इस तरह के विरोध प्रदर्शनों को करने के लिए सही जगह की पहचान की जानी चाहिए. अब इस मामले पर 17 फरवरी को सुनवाई होगी.

जस्टिस कौल ने कहा,

“एक सामान्य क्षेत्र में अनिश्चितकालीन विरोध प्रदर्शन नहीं हो सकता है. अगर हर कोई हर जगह विरोध करना शुरू कर दे, तो क्या होगा. विरोध कई दिनों से चल रहा है, लेकिन आप लोगों को असुविधा नहीं पहुंचा सकते हैं.”
जस्टिस कौल
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‘SC के आदेश का पालन करेंगे’

मंगलवार को प्रोटेस्ट साइट पर आए ज्यादातर लोगों ने बात करने से मना कर दिया क्योंकि उस दिन उन्होंने सामूहिक रूप से साइलेंट प्रोटेस्ट करने का फैसला किया था.

हालांकि नाम न बताने की शर्त पर, एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि, वो सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करेंगे.

“पहले, सुप्रीम कोर्ट हमें बताए कि क्या करना है. हमारे पास एक अलटरनेट साइट है, लेकिन हम अदालत के आदेश की प्रतीक्षा करेंगे, ”उन्होंने कहा.

साइलेंट प्रोटेस्ट के चलते क्विंट को किसी भी अलटरनेट प्रोटेस्ट साइट के बारे में ठोस जानकारी नहीं मिल पायी है. जानकारी मिलते ही इस स्टोरी को अपडेट किया जायेगा.

एक दूसरे प्रदर्शनकारी,रिजवान ने भी कहा कि वो SC के आदेश का पालन करेंगे.

“हम कहां जा सकते हैं? या तो सुप्रीम कोर्ट हमें कोई जगह बताये . प्रोटेस्ट के लिए कोई जगह है नहीं और हम अपने घरों से तो प्रोटेस्ट नहीं कर सकते हैं.
रिजवान, प्रदर्शनकारी

रिजवान ने कहा, 'हमें सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा है और 17 फरवरी को जो भी फैसला होगा, हम सभी उसका पालन करेंगे.’

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