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कौन होगा UP का नया DGP? इन दावेदारों का नाम चल रहा सबसे आगे

डीजीपी ओ.पी. सिंह 31 जनवरी को रिटायर हो रहे हैं. इस पद के लिए कई बड़े दावेदार माने जा रहे हैं.

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उत्तर प्रदेश का नया पुलिस डीजीपी कौन होगा, इसकी कयासबाजी तेज हो गई है, क्योंकि डीजीपी ओपी सिंह 31 जनवरी को रिटायर हो रहे हैं. इस पद के लिए कई बड़े दावेदार माने जा रहे हैं. पहले राज्य सरकार अपने स्तर से डीजीपी पद पर चयन का फैसला लेती थी, पर अब नई व्यवस्था के तहत सरकार को अधिकारियों के नामों का पैनल संघ लोक सेवा आयोग को भेजना होगा.

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2006 पुलिस सुधार में क्या है व्यवस्था ?

व्यवस्था के मुताबिक, डीजीपी पद पर तैनाती के लिए सबसे वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी के नाम पर विचार किया जाता है या फिर सरकार के विश्वास प्राप्त अन्य वरिष्ठ अधिकारी के नाम पर विचार होता है. यूपी के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने इस बारे कहा-

“2006 पुलिस सुधार में सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश दिया था कि डीजीपी चयन में जो पांच सर्वश्रेष्ठ पुलिस अफसरों का एक पैनल बनाएंगे. इसके बाद उसे यूपीएससी को भेजेंगे. सबसे वरिष्ठ, योग्य और जिनका सेवाकाल पर्याप्त हो. लेकिन दुर्भाग्य है आज तक किसी ने इसे यूपीएससी के पास भेजा ही नहीं है.”
पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह

उन्होंने बताया कि पुलिस सुधार आज तक किसी प्रदेश में लागू नहीं हुआ. डीजीपी से लेकर थानाध्यक्ष तक चयन गाइड लाइन के आधार पर होना चाहिए.

लेकिन इसे कोई राज्य नहीं मानता है. इससे पहले उत्तर प्रदेश में डीजीपी चयन हुए उसमें योग्यता और वरिष्ठता को देखा गया. लेकिन पैनल बनाकर नहीं भेजा गया. गाइड लाइन का पालन इसलिए नहीं होता, क्योंकि लोग घोड़े की लगाम अपने हाथ में रखते हैं.

महेश्वरी और आनंद कुमार का नाम सबसे आगे

उत्तर प्रदेश कैडर के सबसे वरिष्ठ आईपीएस डॉ एपी महेश्वरी से लेकर 1988 बैच के वर्तमान में आईजी जेल आनंद कुमार के नाम की भी चर्चा तेज है. जावीद अहमद और डॉ एपी महेश्वरी सबसे वरिष्ठ हैं. जावीद अहमद सपा सरकार में डीजीपी रह चुके हैं. उनका रिटायरमेंट मार्च 2020 में है. डा़ॅ महेश्वरी का रिटायरमेंट 2021 में है.

इसके अलावा प्रबल दावेदारों में 1985 बैच के डीजी विजिलेंस हितेश चंद्र अवस्थी का नाम भी चर्चा है. जो आने वाले वर्ष 2021 में रिटायर होंगे. उनकी गिनती साफ छवि के असफरों में होती है. वहीं एसटीएफ के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले अरुण कुमार का नाम भी खूाब चर्चा में है. हितेश और अरुण का रिटायरमेंट जून 2021 में है.

1988 बैच के आर.के. विश्वकर्मा और 87 बैच के राजेंद्र पाल के नाम भी खूब चर्चा में है. सूत्रों की मानें तो 1987 और 1988 बैच के डीजीपी बनने की चर्चा इसीलिए ज्यादा है, क्योंकि इनकी सेवानिवृत्ति में समय अधिक मिलेगा.

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