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बंगाल में हिंसा जारी रही तो राष्ट्रपति शासन की मांग करेंगे: BJP 

CAA के खिलाफ 14 दिसंबर को भी पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन हुए

Published
राज्य
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बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा ने पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में झड़पों और आगजनी की घटनाओं के लिए ''बांग्लादेशी मुस्लिम घुसपैठियों'' को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि अगर यही हालात रहे तो पार्टी राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग करेगी.

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सिन्हा ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को "तुष्टीकरण की नीतियों" का दोषी ठहराते हुए दावा किया कि इन नीतियों से ही पश्चिम बंगाल में ऐसे हालात पैदा हुए हैं. बीजेपी नेता ने कहा, “उन्होंने (ममता ने) नागरिकता संशोधन बिल (अब कानून) को लेकर राज्य में पिछले दो दिन से जारी हिंसा को रोकने के लिए कुछ नहीं किया.”

इसके अलावा उन्होंने कहा,

“हम (बीजेपी) कभी भी राष्ट्रपति शासन का समर्थन नहीं करते, लेकिन अगर पश्चिम बंगाल में यह अराजकता जारी रही, तो हमारे पास राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा. एक ओर पूरा राज्य जल रहा है, दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस सरकार सिर्फ मूकदर्शक बनी बैठी है.”
राहुल सिन्हा, बीजेपी

बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ लगातार दूसरे दिन 14 दिसंबर को भी पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन हुए. इस दौरान कई बसों और एक रेलवे स्टेशन परिसर में आगजनी की गई.

पुलिस ने बताया कि मुर्शिदाबाद, उत्तरी 24 परगना जिलों और हावड़ा (ग्रामीण) से हिंसा की खबरें मिलीं.

इस बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हिंसक प्रदर्शन और तोड़फोड़ करने वालों को कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी. 

उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने और लोकतांत्रिक तरीके से प्रदर्शन करने की अपील की. मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में उन्होंने कहा, ‘‘कानून अपने हाथ में मत लीजिए. सड़क और रेल यातायात जाम मत कीजिए. सड़कों पर आम लोगों के लिए परेशानी खड़ी मत कीजिए.’’ इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘‘सरकारी संपत्तियों को नुकसान मत पहुंचाइए. जो लोग परेशानियां खड़ी करने के दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.’’

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