उत्तर प्रदेश की योगी सरकार हर जिले में गायों की सुरक्षा के लिए हेल्प डेस्क बनाने की तैयारी में है. सरकार ने इसके लिए निर्देश भी जारी किए हैं. राज्य सरकार ने गौशालाओं को कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने का भी निर्देश दिया है. साथ ही, मास्क और थर्मल स्क्रीनिंग को भी अनिवार्य करने के लिए कहा है.
यूपी सरकार ने कहा है कि गौशालाओं में गायों और दूसरे जानवरों के लिए ऑक्सीमीटर और थर्मल स्कैनर जैसे मेडिकल इक्पिमेंट रखे जाएं.
IANS की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकारे के प्रवक्ता ने कहा कि बड़ी संख्या में बेसहारा गायों को गौशालाओं में आश्रय दिया जा रहा है, और सरकार गौशाला की संख्या भी बढ़ा रही है.
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में करीब 5268 गौशाला हैं, जिसमें करीब 5,73,417 जानवर हैं. 4,64,311 गायों को 4,529 अस्थायी गौशालाओं में रखा गया है. इसमें से, 40,640 गायों को 161 कान्हा गौशाला और 10,827 गायों को 407 कांजी हाउस में रखा गया है.
मुख्यमंत्री बेसहारा गौ-वंश सहयोग योजना के तहत, यूपी सरकार ने आवारा पशुओं की देखभाल करने वाले हर किसान को 900 रुपये प्रति माह की वित्तीय सहायता देने का भी प्रावधान किया. अब तक 44,651 लाभार्थियों को कुल 85,869 गाय उपलब्ध कराई गई हैं.
“महामारी में मरीजों नहीं, गायों के लिए हेल्प डेस्क”
उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. कई अस्पतालों में ऑक्सीजन और बेड की किल्लत की खबरें सामने आ रही हैं. ऐसे में, महामारी की जगह गायों के लिए हेल्प डेस्क को प्राथमिकता बनाए जाने की लोगों ने आलोचना की है.
वकील प्रशांत भूषण ने ट्विटर पर लिखा, “महामारी के बीच में, जब यूपी में हजारों लोग ऑक्सीजन और मेडिकल सुविधा की कमी के कारण मर रहे हैं, योगी ने हर जिले में गायों के लिए हेल्प डेस्क का निर्देश दिया है.”
उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के अब तक 13 लाख से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. राज्य में करीब 3 लाख एक्टिव केस हैं, और 13 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
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