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बरसाने की ‘लट्ठमार होली’ में शिरकत करेंगे CM आदित्यनाथ

मथुरा में रंगोत्सव के आयोजन के जरिये यूपी सरकार तीर्थ-पर्यटन को नया आयाम देने की कोशिश में जुट गयी है.

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अयोध्या में दीपोत्सव के बाद अब मथुरा में रंगोत्सव के आयोजन के जरिये उत्तर प्रदेश सरकार तीर्थ-पर्यटन को नया आयाम देने की कोशिश में जुट गई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने दर्जनभर सहयोगी मंत्रियों के साथ दो दिन तक मथुरा में रहेंगे और बरसाने की लट्ठमार होली सहित ब्रज संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रमों में भाग लेंगे.

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मथुरा के जिलाधिकारी सर्वज्ञराम मिश्र और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक स्वप्निल ममगाई ने बताया कि इस दौरान सीएम योगी राज्य के पर्यटन विभाग, ब्रजतीर्थ विकास परिषद और ब्रज भूमि विकास ट्रस्ट की ओर  आयोजित ‘ब्रज होली रंगोत्सव' कार्यक्रम में भाग लेंगे.

ये है कार्यक्रम की रूपरेखा

मथुरा की सांसद हेमा मालिनी के कॉन्सेप्ट के तहत तैयार ‘ब्रज होली रंगोत्सव' के पहले दिन पंडित जसराज, पंडित हरिप्रसाद चौरसिया, शोभना नारायण, कविता सेठ आदि नामचीन हस्तियां हिस्सा लेंगी. वहीं, दूसरे दिन हेमा मालिनी और गायक कैलाश खेर के प्रोग्राम होंगे.

जिलाधिकारी ने बताया कि अपनी यात्रा के दूसरे दिन मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण जन्मस्थान के दर्शन करेंगे. इसके बाद वे वृन्दावन में पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानन्द सरस्वती से धार्मिक चर्चा करेंगे. फिर वह बरसाना में कुछ अन्य कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे.

ऐसे मनाएंगे लट्ठमार होली

योगी यात्रा के दूसरे दिन प्रिया कुण्ड पर पहुंचने वाले नन्दगांव के हुरियारों का स्वागत करेंगे और उनके साथ लाड़िली जी मंदिर पहुंचकर राधारानी के दर्शन-पूजन के बाद समाज गायन का आनंद लेंगे. इसके बाद वे देर शाम लट्ठमार होली में भाग लेंगे.

जिलाधिकारी ने बताया कि लट्ठमार होली खेलने के लिए इस साल हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, अन्य राज्यों और केन्द्रीय मंत्रियों के भी बरसाना आने की संभावना है.

मथुरा के ट्रैफिक पुलिस विभाग की ओर से कहा गया है कि 24 फरवरी को बरसाना में सभी प्राइवेट गाड़ियों के चलने पर रोक रहेगी. इस दौरान केवल वे सरकारी वाहन ही आ-जा सकेंगे, जिन्हें उस दिन ड्यूटी पर लगाया गया होगा.
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क्या है लट्ठमार होली?

राधा के जन्म स्थान बरसाना की लट्ठमार होली दुनियाभर में मशहूर है. बरसाने की लट्ठमार होली फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाई जाती है. इस दिन नंदगांव के पुरुष मंदिरों में पूजा-अर्चना के बाद होली खेलने बरसाना गांव में आते हैं. इन पुरुषों को हुरियारे कहा जाता है.

जब नाचते-गाते हुरियारे गांव में पहुंचते हैं, तो बरसाना की औरतें, यानी हुरियारिनें हाथ में ली हुई लाठियों से उन्हें पीटना शुरू कर देती हैं. हाथों में ढाल लिए हुए हुरियारे खुद को लाठियों की मार से बचाते हैं. साथ ही वो सिर पर एक पगड़ी भी पहनते हैं, जो उन्हें लाठियों की चोट से बचाते हैं. खास बात यह है कि यह सब मारना-पीटना हंसी खुशी के माहौल में होता है.

बरसाना की लट्ठमार होली के बाद अगले दिन यानी फाल्गुन शुक्ल दशमी के दिन बरसाना के हुरियार नंदगांव की हुरियारिनों से होली खेलने उनके यहां पहुंचते हैं. औरतें अपने गांवों के पुरुषों पर लाठियां नहीं बरसातीं. आसपास खड़े लोग इस दौरान खूब रंग फेंकते हैं और गुलाल उड़ाते हैं.

(इनपुट: भाषा)

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