देश में ही निर्मित और लंबी दूरी की सब-सॉनिक क्रूज मिसाइल ‘निर्भय’ का परीक्षण किया गया. रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के इस मिसाइल का ये पांचवा टेस्ट था, इससे पहले के दूसरे टेस्ट को छोड़कर बाकी टेस्ट में यह मिसाइल फेल हो गई थी.
300 किलोग्राम तक भार ढोने में सक्षम इस मिसाइल का परीक्षण ओडिशा तट पर चांदीपुर से किया गया.
डीआरडीओ के सूत्रों ने बताया कि अत्याधुनिक क्रूज मिसाइल को चांदीपुर में एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) के लॉन्च कॉम्प्लैक्स-3 से विशेष रूप से डिजाइन किए गए लॉन्चर से सुबह करीब 11 बज कर करीब 20 मिनट पर छोड़ा गया.
डीआरडीओ के एक वैज्ञानिक ने मिसाइल के प्रक्षेपण के तुरंत बाद कहा कि परीक्षण की सभी शुरुआती प्रक्रिया सफल रहीं. उन्होंने बताया कि विस्तार से आकलन के लिए ट्रैकिंग प्रणाली से डेटा हासिल किया जा रहा है.
ये है ‘निर्भय’ की खासियत
- एडवांस्ड सिस्टम्स लेबोरेटरी (एएसएल) द्वारा विकसित मिसाइल ठोस रॉकेट मोटर बूस्टर से संचालित है.
- इस मिसाइल की ऑपरेशनल रेंज 1,000 किलोमीटर तक है.
- मिसाइल छह मीटर लंबी, 0.52 मीटर चौड़ी और इसके पंख 2.7 मीटर तक फैले हैं.
- यह 200 से 300 किलोग्राम तक के आयुध ले जाने में सक्षम है.
चार परीक्षणों में से तीन में फेल हो गई थी ‘निर्भय’
निर्भय का पहला परीक्षण 12 मार्च 2013 को किया गया था और उस समय मिसाइल के एक हिस्से में खराबी आने के कारण उसने बीच रास्ते में ही काम करना बंद कर दिया था. दूसरा परीक्षण 17 अक्तूबर 2014 को किया गया जो सफल रहा था.
16 अक्तूबर 2015 को किए गए अगले परीक्षण में मिसाइल 128 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद अपने रास्ते से भटक गई थी.
मिसाइल का आखिरी परीक्षण 21 दिसंबर 2016 को किया गया और उस समय भी यह निर्धारित रास्ते से भटक गई थी. ये सभी परीक्षण चांदीपुर से किए गए.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)