विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सोमवार को राज्य सभा में बोलते हुए मणि शंकर अय्यर के नेपाल संकट पर दिये बयान की कड़े शब्दों में आलोचना की.
अय्यर ने कहा था कि भारत सरकार द्वारा भारत-नेपाल सीमा पर नाकाबंदी किए जाने की वजह से नेपाल में मानवीय संकट बढ़ा है.
सरकार के रुख का समर्थन करते हुए स्वराज ने कहा कि मधेशियों के विरोध के कारण भारत-नेपाल सीमा पर 11,000 से ज्यादा भारतीय ट्रक फंसे हुए हैं. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत-नेपाल सीमा पर नाकाबंदी पहली बार नहीं हुई है और इसके लिए मोदी सरकार जिम्मेदार नहीं है.
इस मुद्दे पर हुई संक्षिप्त चर्चा के दौरान स्वराज ने यह भी बताया कि नेपाल से उन दवाओं की लिस्ट मांगी गई थी जिसकी उन्हें जरूरत है पर नेपाल से कभी जवाब नहीं मिला.
हमनें उन ट्रकों को हटाने के लिए नहीं कहा है ताकि जब नाकेबंदी खत्म हो तो उन ट्रकों का इस्तेमाल दवा पहुंचाने के लिए किया जा सके.सुषमा स्वराज, विदेश मंत्री
स्वराज ने कहा, “मोदी सरकार जो कहती है वही करती है”
स्वराज ने यह भी कहा कि जब नेपाल में भूकंप आया था तो भारत ने ही बड़े भाई की तरह मदद का हाथ आगे बढ़ाया था.
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