तीस्ता सीतलवाड़ (Teesta Setalvad) को क्राइम ब्रांच ने 25 जून को हिरासत में लिया है. समाचार एजेंसी एएनआई के साथ बीतचीत में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि तीस्ता ने गुजरात दंगों से जुड़ी आधारहीन जानकारी पुलिस को दी थी. सुप्रीम कोर्ट द्वारा शुक्रवार को 2002 के दंगों के मामले में तत्कालीन राज्य के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को दोषमुक्त करने के खिलाफ एक अपील को खारिज कर दिया गया था जिसके बाद तीस्ता फिर एक बार सुर्खियों में आई.
कौन हैं तीस्ता सीतलवाड़?
तीस्ता सीतलवाड़ एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार हैं. वह सिटीजन फॉर जस्टिस एंड पीस (CJP) की सचिव भी हैं, जो 2002 के गुजरात दंगों के पीड़ितों की वकालत करने के लिए बनाई गई एक संस्था है. सीजेपी ने गुजरात राज्य के तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी और 62 अन्य सरकारी अधिकारियों के खिलाफ 2002 के गुजरात दंगों में उनकी सहभागिता के लिए आपराधिक मुकदमे की मांग की थी.
लेकिन बीजेपी का कहना है कि तीस्ता का संगठन नरेंद्र मोदी को बदनाम करने के लिए कांग्रेस द्वारा स्थापित या संचालित किया जा रहा है.
गृहमंत्री अमित शाह ने तीस्ता का जिक्र इसलिए किया क्योंकि उनाक नाम सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक टिप्पणी में सामने आया था, जो 24 जून को एक सुनवाई के दौरान की गई थी.
बता दें कि, 24 जून, 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात दंगों के मामले में पीएम मोदी को दी गई एसआईटी की क्लीन चिट को बरकरार रखते हुए कहा कि कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ ने याचिकाकर्ता जकिया जाफरी की भावनाओं का शोषण "गलत उद्देश्यों" के लिए किया है.
तीस्ता सीतलवाड़ के खिलाफ क्या आरोप हैं?
तीस्ता पर लगे कई आरोपों में से एक में उन पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज है. आरोप है कि तीस्ता और उनके पति जावेद आनंद ने 2007 से 2014 तक बड़े पैमाने पर धन संग्रह अभियान (Fund Collection Campaign) शुरू करके दंगा पीड़ितों के नाम पर 6 से 7 करोड़ रुपये तक की धनराशि एकत्र कर एक बड़ी धोखाधड़ी को अंजाम दिया है. इस डोनेशन के लिए उन्होंने अपनी एक पत्रिका में विज्ञापन दिया और कई म्यूजिकल और आर्टिस्टिक इवेंट्स कर पैसा उठाया.
अदालत में यह आरोप लगाया गया था कि इस डोनेशन को दंपति ने शराब और खाने जैसी अन्य चीजों पर खर्च कर दिया.
तीस्ता इन आरोपों के खिलाफ दावा कर चुकी हैं कि ऐसा करके उन्हें केवल फंसाया जा रहा है. हालांकि, बीजेपी ने यह कहकर जवाब दिया कि कानून केवल अपना काम कर रहा है.
तीस्ता के खिलाफ एक और आरोप यह है कि उन्होंने विदेशी मुद्रा कानूनों का उल्लंघन किया और 2009 में यूएस-आधारित फोर्ड फाउंडेशन द्वारा अपने एनजीओ को दान किए गए धन का दुरुपयोग किया.
कौन हैं तीस्ता के साथ हिरासत में लिए गए दो अन्य लोग
तीस्ता सीतलवाड़ के अलावा क्राइम ब्रांच ने दो और लोगों को भी हिरासत में लिया है. संजीव भट्ट और आरबी श्रीकुमार. संजीव भट्ट पूर्व आईपीएस अधिकारी हैं, जो 1990 में गुजरात के जामनगर जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक थे. भट्ट समेत अन्य अधिकारियों ने बीजेपी और वीएचपी द्वारा बुलाए गए राष्ट्रव्यापी बंद के आह्वान के दौरान कथित रूप से सांप्रदायिक दंगा करने के आरोप में जामजोधपुर शहर से वैष्णानी सहित 133 लोगों को गिरफ्तार किया था.
नवंबर 1990 में वैष्णानी की मृत्यु के बाद, उनके भाई अमृतलाल ने आरोप लगाया था कि भट्ट और अन्य पुलिस अधिकारियों द्वारा की गई यातना के कारण वैष्णानी की मृत्यु हुई.
आरबी श्रीकुमार दूसरे शख्स इन्हें भी हिरासत में लिया गया. यह पूर्व एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस इंटेलिजेंस रहे. श्रीकुमार, जिन्होंने 2002 के दंगों के दौरान पुलिस को अपने कर्तव्यों का पालन करने से रोकने का आरोप लगाकर गुजरात सरकार को हिला दिया था.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)