ADVERTISEMENTREMOVE AD

तेजस्वी यादव ने SC में हलफनामा दाखिल कर गुजरातियों पर अपनी टिप्पणी बिना शर्त वापस ली

तेजस्वी ने गुजरातियों को लेकर की गई टिप्पणी मामले में अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक मानहानि मामले को ट्रांसफर कराने की याचिका दी है.

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने सुप्रीम कोर्ट के सामने एक हलफनामा दाखिल कर अपनी "केवल गुजराती ही ठग हो सकते हैं" वाली टिप्पणी बिना शर्त वापस ले ली है.

तेजस्वी ने पिछले साल मार्च गुजरातियों को लेकर टिप्पणी की थी.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

'क्या तेजस्वी के खिलाफ मुकदमा चलाना अब जरूरी'- SC

सोमवार, 22 जनवरी को जस्टिस अभय एस. ओका की अध्यक्षता वाली पीठ ने शिकायतकर्ता हरेश मेहता की ओर से पेश वकील से सवाल किया कि क्या तेजस्वी यादव के खिलाफ मुकदमा चलाना अब जरूरी रह गया है. ऐसा इसलिए पूछा क्योंकि RJD नेता ने अपनी कथित मानहानिकारक टिप्पणी वापस ले ली है.

अपने हलफनामे में तेजस्वी यादव ने कहा कि उनकी टिप्पणी का उद्देश्य गुजराती लोगों को ठेस पहुंचाना या किसी विशेष राज्य के समुदाय को निशाना बनाना नहीं था.

पीठ में जस्टिस उज्जल भुइयां भी शामिल थे. उन्‍होंने संकेत दिया कि पीठ पार्टियों के बीच "पूर्ण न्याय" करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत दिए असाधारण शक्तियों का प्रयोग करेगी और अहमदाबाद में एक मजिस्ट्रेट की अदालत के समक्ष लंबित आपराधिक मानहानि के मुकदमे को रद्द कर देगी.

मामले की अगली सुनवाई 29 जनवरी को होगी.

तेजस्वी यादव ने नवंबर 2023 में आपराधिक मानहानि मामले को गुजरात से बिहार स्थानांतरित करने की मांग की थी. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मुकदमे की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी.

पिछले साल की थी टिप्पणी

मानहानि की शिकायत तेजस्वी यादव की पिछले साल मार्च में पटना में की गई कथित टिप्पणी से जुड़ी है. आरोप है कि तेजस्वी यादव ने कहा था कि 'आज के समय में केवल गुजराती ही ठग हो सकते हैं और उन्हें माफ भी कर दिया जाएगा.'

तेजस्वी ने यह टिप्पणी पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के मुख्य आरोपी भगोड़े व्यवसायी मेहुल चोकसी के लिए रेड कॉर्नर नोटिस को रद्द किए जाने के संदर्भ में की थी. उनका इशारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की तरफ था.

एक सामाजिक कार्यकर्ता और अखिल भारतीय भ्रष्टाचार विरोधी और अपराध निवारक परिषद नामक संगठन के उपाध्यक्ष मेहता ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि ये टिप्पणियां गुजरातियों को सार्वजनिक रूप से बदनाम और अपमानित करती हैं.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×