बिहार (Bihar) के उप सीएम और स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव (Tejasvi Yadav) इन दिनों कई अस्पतालों का औचक निरीक्षण कर रहे हैं और मौके पर कार्रवाई करते हुए भी नजर आ रहे हैं. हाल ही में तेजस्वी ने पटना के NMCH यानी नालंदा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल का दौरा किया. यहां जब अनियमितता पाईं गईं तो आरोप लगाते हुए एनएमसीएच के अधीक्षक विनोद कुमार सिंह को निलंबित कर दिया. अब इस पर आईएमए ने नाराजगी जाहिर करते हुए भूख हड़ताल की बात कही है. लेकिन तेजस्वी ने कहा कि वे इस फैसले को वापस नहीं लेंगे.
तेजस्वी यादव ने साफ कर दिया है कि सरकार अपने फैसले को वापस नहीं लेने जा रही है.
आईएमए के अल्टीमेटम पर तेजस्वी ने कहा कि किसी भी एसोसिएशन का काम होता है अपने लोगों के पक्ष को सरकार के समक्ष रखना. आईएमए को यह देखना होगा कि क्या वह गलत डॉक्टर के लिए भी सरकार पर दबाव बनाएंगे. उन्होंने कहा कि आईएमए सही चीजों का समर्थन करें लेकिन गलत का समर्थन करना कही से भी ठीक नहीं है.
तेजस्वी ने कहा है कि डॉक्टरों को अपनी शिकायत लेकर जहां जाना है जाएं. बिहार की सरकार जनता की सेवा करने के लिए है, हमलोग किसी और के लिए यहां नहीं बैठे हुए हैं. उन्होंने कहा कि बिहार में अब डॉक्टरों की मनमानी नहीं चलने वाली है.
सरकार ऐसी नौबत न आने दें कि उसका कष्ट बिहार की जनता को भोगना पड़े-
एनएमसीएच अधीक्षक विनोद कुमार के निलंबन पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कहा कि, अगर निलंबन वापस नहीं होता है तो राज्यभर के डॉक्टर हड़ताल पर चले जाएंगे.
आईएमए का कहना है कि, मुख्यमंत्री नीतीश को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए. तेजस्वी ने जिस तरह से निलंबन दिया है वो गलत है.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन अध्यक्ष डॉ डीएस सिंह ने कहा कि यह जल्दबाजी में लिया गया निर्णय है. सरकार की गलती है. तेजस्वी अपनी गलती का दोषारोपण डॉक्टरों पर न दें. तेजस्वी खुद में सुधार करें. डॉक्टर विनोद सिंह के निलंबन को तुरंत वापस लिया जाए. तेजस्वी ने गलत निर्णय लिया है. बिना नोटिस के निलंबित किया गया. तेजस्वी को गलत फीडबैक दिया गया.
उन्होंने कहा की सरकार ऐसी नौबत न आने दें कि उसका कष्ट बिहार की जनता को भोगना पड़े.
NMCH से निलंबित हुए डॉ विनोद ने क्या कहा?
डॉ विनोद कुमार सिंह ने इस एक्शन पर कड़ी आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा है कि तेजस्वी यादव ने बिना कारण बताओ नोटिस के ये एक्शन लिया है. जो कहीं से सही नहीं है. उनका कहना है कि मेरे ऊपर की गई कार्रवाई निराधार और गलत है. इतना ही नहीं डॉ विनोद कुमार सिंह ने ये भी कहा है कि अगर बिहार सरकार मेरी बात नहीं सुनेगी तो मैं कोर्ट का सहारा लूंगा.
डॉ विनोद कुमार सिंह ने बिहार सरकार को पत्र लिखने की बात कही है. उन्होंने कहा है कि इस तरह की कार्रवाई उचित नहीं है. स्वास्थ्य मंत्री ने अन्यायपूर्ण फैसला लिया है. मैंने कोरोना काल में सवा 2 साल तक अपनी सेवा दी है. तीन बार कोरोना होने के बावजूद भी जान जोखिम में डालकर अस्पताल में सेवा दी. नाली जाम होना, पीने के पानी और दवा की कमी के लिए मैं जिम्मेदार नहीं हूं.
तेजस्वी यादव ने क्या आरोप लगाए?
14 अक्टूबर को अचानक तेजस्वी यादव राजधानी के एनएमसीएच पहुंच गए. वहां उन्होंने कई सारी समस्याएं पाईं. उन्होंने कहा कि, अस्पताल में दवा की उपलब्धता बहुत कम है. यहां तक कि मरीजों के साथ अच्छा व्यवहार भी नहीं किया जा रहा है.
उनका कहना था की डेंगू मरीजों का ठीक से इलाज नहीं हो रहा है. व्यवस्था में गड़बड़ी है. सामान्य मरीजों को भी डेंगू वार्ड में रखा गया है. दवाइयां नहीं मिलती हैं.
इन्हीं अनियमितताओं को देखते हुए उन्होंने चिकित्सा अधीक्षक डॉ विनोद कुमार सिंह को काम में लापरवाही और अपने कर्तव्यों का ठीक से निर्वहन न करने के कारण निलंबित कर दिया.
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