दिल्ली हाईकोर्ट ने साफ कर दिया है कि सोशल प्लेटफॉर्म ट्विटर (Twitter) ने आईटी रुल्स को फॉलो नहीं किया. कोर्ट ने कहा है कि सरकार ट्विटर के खिलाफ कोई भी एक्शन ले सकती है. बता दें कि नए नियम के मुताबिक सरकार को सोशल मीडिया कंपनियों को भारत में शिकायत अधिकारी की नियुक्ति करनी होगी.
दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्विटर की ओर से की जा रही देरी पर नाराजगी जताई है, ट्विटर की ओर से शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति को लेकर देरी की जा रही है, जिस पर दिल्ली हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है. दिल्ली हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति रेखा पाली ने ट्विटर के प्रतिनिधियों से सवाल किया कि आपको इस प्रक्रिया में कितना और समय लगेगा.
बता दें कि केंद्र सरकार ने 5 जुलाई को दिल्ली हाईकोर्ट में बताया था कि 'माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर (Twitter) अब तक आईटी नियम 2021 को लागू करने में नाकाम रही है. इस कारण अब से इसे मध्यस्थता के रूप में सुरक्षा नहीं मिलेगी.'
बता दें कि सोशल मीडिया के क्षेत्र की दिग्गज कंपनी ट्विटर ने नए आईटी नियमों को लागू करने के लिए दिए गए तीन महीने के वक्त के बावजूद अफसरों की नियुक्ति नहीं की है. केंद्र सरकार का कहना है कि ये हमारे देश के कानून का उल्लंघन है.
मध्यस्थता का दर्जा खत्म होने की वजह से कंपनी को अपनी वेबसाइट पर थर्ड पार्टी डेटा के लिए खुद जिम्मेदारी लेनी होगी. इसके बाद अगर कंटेट में कोई गड़बड़ी होती है तो इसके लिए ट्विटर पर ही क्रिमिनल केस दर्ज किया जा सकता है.
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