जेल में बंद एक्टिविस्ट उमर खालिद (Umar Khalid) की दोस्त बनोज्योत्सना लाहिरी (Banojyotsna Lahiri) ने उनके लिए 'इंडिया लव प्रोजेक्ट' पर एक नोट लिखा है, जिसमें उनके बीच के प्यार और अटूट बंधन का जिक्र किया गया है.
खालिद और खुद के रिश्ते के बारे में लाहिरी लिखती हैं कि...
"पिछले तीन सालों से हम एक ही शहर में रहते हुए लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप में हैं. हम दिल्ली की तिहाड़ जेल में शीशे की दीवार के पार हफ्ते में एक बार मिलते हैं और इंटरकॉम पर बात करते हैं."बनोज्योत्सना लाहिरी
क्या है 'इंडिया लव प्रोजेक्ट'?
'इंडिया लव प्रोजेक्ट' पत्रकार समर हलारंकर, प्रिया रमानी और नीलोफर वेंकटरमण द्वारा चलाया जाने वाला एक सोशल मीडिया पेज है. यह "फैथ, कास्ट, जेंडर और नस्ल की कैद से आजाद प्यार और शादी" की कहानियों से रू-ब-रू कराता है.
जेल में क्यों बंद हैं उमर खालिद?
खालिद को दिल्ली पुलिस ने सितंबर 2020 में दिल्ली दंगों के मामले में "सह-साजिशकर्ता" होने के इल्जाम में गिरफ्तार किया था. उनके द्वारा किए गए कथित 'भड़काऊ भाषणों' के लिए उनपर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत भी मामला दर्ज किया गया था.
लगभग तीन साल तक जेल में रहने के बावजूद, खालिद और लाहिरी ने यह तय किया है कि वे हर हफ्ते मिलेंगे और दुख भरी बातों के अलावा सब कुछ शेयर करेंगे.
“हम हंसते हैं, मजाक करते हैं, और दुखभरी चीजों पर कोई बात नहीं करते हैं. जब मैं अकेली बाहर निकलती हूं तो मुझे दुख होता है. वह भी मुझे बुलाता है, और हमारे पास अदालत की तारीखें हैं, सजा का इरादा है. अदालत में हम इशारों में बात करते हैं. कल मैंने उससे कहा कि उसका हेयरकट ऐसा है कि वो बेवकूफों जैसा लग रहा है.बनोज्योत्सना लाहिरी
लाहिरी आगे लिखती हैं कि "इस पर उसने जवाब दिया आपके मेसी का हेयरकट भी ऐसा ही है, अपनी जगह जानो, मैंने कहा वह फुटबॉल नहीं समझता है इसलिए उससे इस बारे में कोई बातचीत मुनासिब नहीं है. वह आईपीएल देखता है और मुझसे पूछता है कि मैं किस टीम की फैन हूं. मैं क्रिकेट की फैन नहीं हूं. क्या आईपीएल (IPL) सच में क्रिकेट है?"
उमर और बनोज्योत्सना कैसे मिले?
लाहिरी ने यह भी शेयर किया कि वे दोनों कैसे मिले, कैसे वे करीब आए, खास तौर पर लाहिरी ने उस वक्त का जिक्र किया जब 2018 में खालिद पर एक कथित जानलेवा हमला हुआ था.
उन्होंने कहा कि...
"मैं और उमर 2008 में मिले थे. वह दिल्ली यूनिवर्सिटी में बीए कर रहा था और मैं जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में एमफिल कर रही थी. हम दोनों बाटला हाउस एनकाउंटर के बाद जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों के समर्थन में गए थे."बनोज्योत्सना लाहिरी
उन्होंने एक-दूसरे से कब मिलना शुरू किया? इस पर लाहिरी ने कहा कि...
"जैसे-जैसे साल गुजरते गए, हमने जेंडर, कास्ट पर लेफ्ट की रेडिकल पोजिशन पर सवाल उठाया और उस विचारधारा से दूर हो गए. यह एक इंसाफ पसंद और समतामूलक समाज की कल्पना करने की हमारी यात्रा थी, जो हमें एक साथ लाई. हमने 2013 में डेटिंग शुरू की."बनोज्योत्सना लाहिरी
उन्होंने आगे कि "2016 में एक नेशनल टीवी डिबेट ने हमें निशाना बनाया, खास तौर से उमर को. उसके बाद से जैसे प्रशासन और मीडिया हमारी रोजमर्रा की जिंदगी के पीछे ही पड़ गए. यह डर हमेशा हमारे जहन में रहता है."
"मैं उसके पास खड़ी थी जब 2018 में किसी ने उसकी जान लेने की कोशिश की. मैंने देखा कि एक आदमी ने रिवॉल्वर निकाली, पुलिस ने कहा कि तुम किस्मत वाले हो बंदूक जाम हो गई. जब आप इन चीजों से एक साथ गुजरते हैं, तो आप एक-दूसरे में पले-बढ़े होते हैं."बनोज्योत्सना लाहिरी
एक दिल को छू लेने वाले नोट के आखिर में उन्होंने कहा कि उनके माता-पिता को उस पर पहले से कहीं ज्यादा फख्र है. उन्होंने कहा कि...
"हमारी खेलों की पसंद अलग हो सकती है, लेकिन हम एक जैसी किताबें पसंद करते हैं. उसने जेल में जो कुछ भी पढ़ा है उसके लिए मैंने पहले से ही नए बुककेस खरीदना शुरू कर दिया था मेरे माता-पिता को मुझसे ज्यादा उसपर फख्र है. उसके माता-पिता भी मुझे बहुत प्यार करते हैं."बनोज्योत्सना लाहिरी
लाहिरी ने आगे कहा कि "उन्होंने उमर की आजादी छीन ली, लेकिन खुशी के लिए हम अभी भी लड़ रहे हैं. हम इन सालों में इतने ज्यादा में करीब आ गए हैं, जितना हमें अलग होने के लिए मजबूर किया गया."
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