BHU में वर्ष 2019-20 में कोरोना वायरस की टेस्टिंग पर लगभग 45 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं, जिसमें सरकार ने सिर्फ पांच करोड़ रूपये का ही भुगतान किया है. वर्ष 2020-21 में कोविड-19 की टेस्टिंग पर लगभग 15 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. ऐसे में बीएचयू के 55 करोड़ रुपये का भुगतान सरकार पर बकाया है. इससे अब टेस्टिंग पर खर्च करने में कठिनाई हो रही है. यह जानकारी सर सुंदरलाल अस्पताल के मेडिकल सुपरीटेंडेंट डॉक्टर के के गुप्ता ने दी.
उन्होंने आगे बताया कि अब सिर्फ BHU स्थित सर सुंदरलाल चिकित्सालय में भर्ती मरीजों का ही कोरोना टेस्ट मुफ्त में किया जाएगा. आसपास के चंदौली, भदोही, गाजीपुर, बलिया, जौनपुर, आजमगढ़, मिर्जापुर समेत अन्य जनपदों से आने वाले मरीजों को कोविड-19 टेस्ट बाहर से कराना होगा.
बीएचयू के माइक्रोबायोलॉजी लैब के हेड डॉक्टर गोपाल नाथ ने बताया,
वर्ष 2019-20 में कोरोना टेस्टिंग पर कुल 10 करोड़ रूपये का खर्च आया था. जबकि वर्ष 2020-21 में यह खर्च 11 करोड़ के आसपास पहुंचा है. सरकार ने 10 करोड़ का भुगतान कर दिया गया है लेकिन इस साल का 11 करोड़ अभी बकाया है.
बीएचयू में डेंगू के मरीजों की एसडीपी किट नदारद, भटक रहे मरीज
बीएचयू ब्लड बैंक CMO डॉ. एस के सिंह ने आरोप लगाया कि, बीएचयू के ब्लड बैंक में सिंगल डोनर प्लेटलेट्स किट उपलब्ध नहीं है, ऐसे में जांच कराने वाले लोग वापस जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि वह खुद कैंसर से पीड़ित हैं और वर्तमान में उनका प्लेटलेट 8000 के पास पहुंच गया है. ऐसे में वह खुद अपनी जांच दूसरे स्थानों से करा रहे हैं. उन्होंने कहा कि आम आदमी की जान बचाना बीएचयू के बस में नहीं है. मैं अपनी जान इस लिए बचा पा रहा हूँ क्योंकि मैं खुद बीएचयू ब्लड बैंक का सीएमओ हूं.
इस संबंध में बीएचयू के मेडिकल सुपरीटेंडेंट डॉक्टर एमएस डॉक्टर के के गुप्ता का कहना है कि डॉक्टर सिंह बेवजह मामले को तूल दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि बीएचयू में एसडीपी के लिए तीन मशीनें लगी है वर्तमान में सिर्फ एक ही चालू हालत में है. जिसका किट लोकल मार्केट से खरीदने का दबाव समय समय पर बनाया जाता है. लेकिन इस योजना को मैंने सफल नहीं होने दिया है. एसडीपी किट के लिए डिमांड भेजी गई है, जो जल्द उपलब्ध हो जाएगी.
बीएचयू ब्लड बैंक के प्रभारी डॉक्टर संदीप कुमार ने बताया कि एसडीपी (सिंगल डोनर प्लेटलेट्स) समाप्त हो गई थी. जिससे जांच ठप हो गई थी. हालांकि शनिवार दोपहर के बाद दर्जन भर किट प्राप्त हो गई है सोमवार से एसडीपी कराई जा सकेगी.
बनारस जनपद में 114 मरीजों में मिले थे डेंगू के लक्षण
प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में डेंगू के 114 मरीजों का इलाज कराया जा चुका है, यह जानकारी जिला मलेरिया अधिकारी शरदचंद्र पांडे ने दी है. उन्होंने कहा कि अभियान चलाकर ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में डेंगू के लक्षण वाले रोगियों को खोजा जा रहा है. वही ग्राम पंचायत विभाग व नगर निगम की सहायता से एंटी लार्वा का छिड़काव और फॉकिंग कराई जा रही है. बताया कि डेंगू की जांच के लिए सीएचसी और पीएचसी पर रैपिड किट उपलब्ध है.
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