उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सत्ता संभालते ही यूनिफार्म सिविल कोड का सुर छेड़ दिया है। गुरुवार को हुई पहली कैबिनेट बैठक में धामी सरकार ने इस मामले में पहला कदम उठाया। उन्होंने कहा कि सरकार राज्य में यूनिफार्म सिविल कोड लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार एक कमेटी का गठन करेगी, जो प्रदेश में यूनिफॉर्म सिविल कोड लेकर ड्राफ्ट तैयार करेगी।
सीएम धामी ने चुनाव प्रचार के दौरान भी यूनिफार्म सिविल कोड (समान नागरिक संहिता) लागू करने का वायदा किया था। धामी ने कहा था कि सत्ता में आने पर भाजपा शपथ ग्रहण के तुरंत बाद न्यायविदों, सेवानिवृत जनों, समाज के प्रबुद्ध जनों व अन्य स्टेक होल्डरों की एक कमेटी गठित करेगी और गरुवार को हुई कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया गया।
भाजपा ने सबसे पहले 1989 के लोकसभा चुनाव में अपने घोषणापत्र में समान नागरिक संहिता का मुद्दा शामिल किया था। 2019 के लोकसभा चुनाव के घोषणापत्र में भी भाजपा ने समान नागरिक संहिता को शामिल किया था।
यूनिफार्म सिविल कोड (समान नागरिक संहिता) का अर्थ है, भारत में रहने वाले हर नागरिक के लिए एक समान कानून। चाहे व्यक्ति किसी भी धर्म या जाति का क्यों न हो। समान नागरिक संहिता में शादी, तलाक और जमीन जायदाद के बंटवारे में सभी धर्मो के लिए एक कानून लागू होगा। यह एक पंथ निरपेक्षता कानून है, जो सभी के लिए समान रूप से लागू होता है।
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