लखनऊ, 25 जुलाई :भाषा: उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय विधेयक 2019 को गुरूवार राज्य विधानसभा ने पारित कर दिया । विधेयक का मकसद राज्य के 27 निजी विश्वविद्यालयों को एक ही कानून की छतरी के नीचे लाना है ।
विधेयक सदन में मंगलवार को पेश किया गया था और आज सदन ने इसे ध्वनि मत से पारित कर दिया हालांकि समाजवादी पार्टी ने कुछ प्रावधानों को लेकर आपत्तियां जताते हुए कहा कि इसे प्रवर समिति के विचारार्थ भेजा जाए ।
सपा के उज्जवल रमण सिंह ने कहा कि विधेयक में विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए जो शर्तें रखी गयी हैं, उनमें यह शर्त भी है कि विश्वविद्यालय के परिसर के भीतर अथवा विश्वविद्यालय के नाम से राष्ट्रविरोधी क्रियाकलाप करने या उनका संवर्धन करने में किसी के ना तो संलिप्त होने और ना ही उसकी अनुमति देने का वचन देना होगा ।
सिंह ने कहा कि इस प्रावधान से संदेह है कि यह विधेयक किसी विश्वविद्यालय विशेष के खिलाफ लक्षित है ।
विधेयक के मसौदे में कहा गया है कि विश्वविद्यालय में पाये गये ऐसे किसी क्रियाकलाप के मामले में इसे विश्वविद्यालय स्थापित किये जाने की शर्तों का 'महा उल्लंघन' माना जाएगा और सरकार इस अधिनियम या तत्समय प्रवृत्त किसी कानून के तहत प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई कर सकती है ।
विधेयक के उददेश्य और कारण में कहा गया है कि किसी एक ही विधि के आधीन समस्त निजी विश्वविद्यालयों को शासित करने के लिए एक 'अम्ब्रेला कानून' बनाया जाना तय किया गया है ।
सिंह ने कहा कि विधेयक को आज ही पारित करने की तात्कालिक आवश्यकता नहीं है ।
संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने अपने जवाब में कहा कि विधेयक का मकसद संस्थान की स्वायत्तता बरकरार रखते हुए गुणवत्ता वाली शिक्षा मुहैया कराना है ।
विपक्षी सदस्यों की आशंकाओं को दूर करते हुए खन्ना ने कहा कि विधेयक लाने के पीछे कोई गलत मंशा नहीं है ।भाषा अमृत रंजनरंजन2507 2009 लखनऊनननन.
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