मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के खरगोन जिले में चोरी के आरोप में पकड़े गए एक युवक की मौत पर आदिवासी समाज के लेागों ने थाने में जमकर हंगामा किया और तोड़फोड़ भी की. थाने में मौजूद पुलिस जवानों को भाग कर अपनी जान बचाना पड़ी.
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क्या है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक, बिस्टान थाना क्षेत्र के झगड़ी घाट में हुई लूट की वारदात के आरोप में पुलिस ने पिछले दिनों खैरकुंडी गांव के 12 लोगों को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार आरोपियों में से एक की मौत होने की खबर पर आदिवासी समाज के लोग बिस्टान थाने पर आ जमा हुए और हंगामा शुरू कर दिया. भीड़ ने वाहनों में तोड़फोड़ की, पथराव किया और कुर्सियां उठाकर फेंकी. पुलिस जवानों ने भागकर अपनी जान बचाई.
विरोध कर रहे ग्रामीणों में गौर महिलाएं बड़ी संख्या में शामिल हुईं. फिलहाल अभी यह नहीं पता चल पाया है कि बिशन की मौत कैसे हुई. घटना स्थल के जो वीडियो सामने आ रहे है उनमें साफ नजर आ रहा है कि ग्रामीण पथराव कर रहे है तो दूसरी ओर पुलिस की ओर से आंसू गैस के गोले छोड़े जा रहे है. कुछ पुलिस जवानों को चोटें आने की भी बात कही जा रही है.
खरगौन एसडीएम सत्येन्द्र सिंह चौहान ने बताया कि पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले भी छोड़े हैं. उन्होंने यह भी बताया कि कुछ पुलिसकर्मियों को भी मामूली चोटों आई हैं.
मौके पर एसडीओपी, एसडीएम, तहसीलदार के अलावा और भी आला अधिकारी पहुंचे हैं. यहां अभी भी पुलिस और ग्रामीण आमने-सामने है. घटना होने से पूरा बाजार बंद हो चुका है.
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्य मंत्री कमलनाथ ने ट्वीट पर इस मामले की जांच की मांग की है,
मध्यप्रदेश में आदिवासी वर्ग पर दमन व उत्पीड़न का काम जारी..नेमावर , नीमच के बाद अब खरगोन जिल के बिस्टान थाने में एक आदिवासी व्यक्ति की प्रताड़ना से मौत की जानकारी व बालाघाट जिले में स्कूल जाते समय एक आदिवासी छात्रा की हत्या की खबर.. मैं सरकार से माग करता हूँ कि इन दोनो घटनाओं की उच्च स्तरीय जांच हो , दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही हो , पीड़ित परिवारों की हरसंभव मदद हो , उन्हें न्याय मिले।
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