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विशाल सिक्का के इस्तीफे के लिए मूर्ति जिम्मेदार: इंफोसिस बोर्ड 

इंफोसिस ने यू बी प्रवीण राव को कंपनी के अंतरिम एमडी और सीईओ के तौर पर नियुक्त कर दिया है

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विशाल सिक्का ने इंफोसिस के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया है. अब वो एक्जिक्यूटिव वाइस चेयरमैन की भूमिका निभाएंगे. इंफोसिस ने यू बी प्रवीण राव को कंपनी के अंतरिम एमडी और सीईओ के तौर पर नियुक्त कर दिया है.

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इस खबर के बाद कंपनी का शेयर शुरुआती कारोबार में 5 फीसदी तक गिर गया. कंपनी ने एक प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि बोर्ड ने नए एमडी और सीईओ की नियुक्ति की तैयारी शुरू कर दी है. यह नियुक्ति 31 मार्च, 2018 से पहले कर दी जाएगी.

ब्लॉग पर जाहिर की नाराजगी

विशाल सिक्का ने अपने ट्विटर एकाउंट पर एक ट्वीट पोस्ट किया है जिसमें लिखा है, 'आगे बढ़ रहा हूं...' इस ट्वीट के साथ ही उन्होंने अपने ब्लॉग का लिंक भी दिया है.

सिक्का ने इस्तीफा देने की पीछे कई कारण बताए हैं. विशाल सिक्का ने इसमें अच्छे काम को नजरअंदाज करने और काम में लगातार रुकावट डालने का आरोप लगाया है.

इसमें 'व्यक्तिगत' हमलों को भी एक बड़ी वजह बताया गया है. उन्होंने कहा, ''मैं स्वतंत्रता, विश्वास और सशक्तिकरण के वातावरण में विश्वास करता हूं.''

विशाल सिक्का को 1 अगस्त 2014 को इंफोसिस ने सीईओ बनाया गया था.

इंफोसिस ने नारायण मूर्ति को बताया सिक्का के इस्तीफे की वजह

जैसे ही विशाल सिक्का ने इस्तीफा दिया, इंफोसिस ने बोर्ड का बयान और इस्तीफे का खत सार्वजनिक कर दिया. इंफोसिस बोर्ड ने जो बयान जारी किया है, उसमें सिक्का के इस्तीफे का जिम्मेदार मूर्ति को बताया है. इसमें कहा गया है कि एन. आर. नारायण मूर्ति लगातार कंपनी और बोर्ड के खिलाफ कैंपेन चला रहे थे.

स्नैपशॉट
  • विशाल सिक्का के इस्तीफे के पीछे पहला कारण मूर्ति का लगातार हमला करना है.
  • मूर्ति के खत में तथ्यात्मक अशुद्धियां हैं.
  • विशाल सिक्का के अगस्त 2014 में एमडी और सीईओ बनने के बाद कंपनी को मुनाफे ही हुआ है.
  • मूर्ति कंपनी को चलाने के लिए बार-बार अनुचित मांगे कर रहे थे.
  • बोर्ड पूरी तरह से स्वतंत्र है और इसे सदस्यों को शेयर होल्डर्स के द्वारा चुना गया है.
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कौन हैं विशाल सिक्का?

1. 1 जून 1967 को मध्य प्रदेश में जन्मे विशाल के पिता रेलवे में इंजीनियर थे. बचपन में ही परिवार गुजरात के बड़ौदा में शिफ्ट हो गया. एमएस यूनिवर्सिटी, बड़ौदा से पढ़ाई करने के बाद विशाल ने न्यूयॉर्क की सायराक्यूज़ यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की. विशाल ने अपनी पीएचडी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी से की.

2. पढ़ाई पूरी करने के बाद सिक्का ने कुछ वक्त के लिए जेरॉक्स कंपनी के साथ काम किया. जिसके बाद उन्होंने खुद कुछ कंपनियों की नींव रखी. बाद में उन्होंने अपने दोनों स्टार्टअप बेच दिए.

3. साल 2002 में विशाल ने SAP ज्वाइन की. महज पांच साल के भीतर SAP में विशाल एक बड़ा नाम बन चुके थे. बतौर चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर वो सीधे CEO को रिपोर्ट करते थे.

4. SAP के भीतर गहराते सत्ता-संघर्ष के बीच विशाल सिक्का ने कंपनी छोड़ दी. 12 जून 2014 को इंफोसिस फाउंडर नारायणमूर्ति ने विशाल सिक्का को कंपनी का MD और CEO घोषित किया. इस्तीफा देने तक 74 करोड़ की सालाना सैलरी के साथ विशाल को देश का सबसे ज्यादा तनख्वाह पाने वाला आईटी प्रोफेशनल माना जाता है.

5. विशाल ने इंफोसिस की कमान संभालने के बाद कई बदलाव किए और कंपनी की वित्तीय हालत में भी सुधार किया. कंपनी को भेजे अपने इस्तीफे में उन्होंने लिखा कि अपने 3 साल के कार्यकाल का उन्हें कोई मलाल नहीं है. विशाल बीते 9 साल से अपने ब्लॉग Timelessness पर सक्रिय हैं. उन्होंने अपना इस्तीफा भी ब्लॉग पर शेयर किया.

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