कोविड-19 महामारी के दौरान किसी व्यक्ति के गाड़ी में अकेले ड्राइव करने पर मास्क लगाने को दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार के इस आदेश को बेतुका करार दिया है. कोर्ट ने दिल्ली सरकार के वकील को फटकार लगाते हुए कहा कि यह आदेश अब तक क्यों है?
जस्टिस विपिन सांघी और जसमीत सिंह की पीठ ने दिल्ली सरकार के वकील से जवाब मांगा है कि ये आदेश अब तक मौजूद क्यों है?
पीठ ने कहा कि "यह दिल्ली सरकार का आदेश है आप इसे वापस क्यों नहीं लेते.
यह वास्तव में बेतुका है, आप अपनी कार में बैठे हैं और आपको मास्क पहनना ही होगा?
गौरतलब है कि दिल्ली हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी तब की जब दिल्ली सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील ने एक ऐसी घटना साझा की जब एक व्यक्ति अपनी मां के साथ गाड़ी के शीशे चढ़ा कर कॉफी पी रहा था उस समय उसका चालान किया गया जो बिल्कुल गलत है.
दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल मेहरा ने उच्च न्यायालय के 7 अप्रैल 2021 के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने निजी कार चलाते समय मास्क नहीं पहनने पर चालान काटने के दिल्ली सरकार के फैसले पर शामिल होने से मना कर दिया था.
वकील की बात पर पीठ ने कहा कि उस समय हालत अलग थे, लेकिन अब महामारी लगभग खत्म हो चुकी है."अपनी बात को बढ़ाते हुए न्यायमूर्ति ने कहा कि "यह फैसला दिल्ली सरकार ने पारित किया था, जिसे हाईकोर्ट ने बरकरार रखा था".
अप्रैल 2021में गाड़ी में मास्क पहनने को लेकर एकल पीठ ने क्या कहा था
एकल पीठ का मास्क पर यह फैसला अप्रैल 2021 में आया था तब वकीलों की तरफ से एक याचिका पेश की गई थी. इस याचिका में अकेले ड्राइव करते समय मास्क ना पहनने पर "चालान काटने को चुनौती दी गई थी "
याचिकाओं को खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा था कि अकेले ड्राइव करते हुए मास्क पहनना अनिवार्य है ताकि संक्रमण दर को कम किया जा सके.
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