दावा
न्यूज चैनल न्यूज नेशन के बुलेटिन का एक स्क्रीनशॉट एक गलत दावे के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. स्क्रीनशॉट के साथ दावा किया जा रहा है कि राजस्थान के झालावाड़ में 10 नर्सों ने अपना इस्तीफा दे दिया, क्योंकि जमातियों ने उनके साथ बदतमीजी की थी.
जबकि बुलेटिन के स्क्रीनशॉट में सिर्फ यही लिखा है कि झालावाड़ में 100 नर्सों ने इस्तीफा दे दिया, वहीं, जिस मैसेज के साथ स्क्रीनशॉट वायरल हो रहा है, उसके मुताबिक नर्सों ने ये फैसला इसलिए जमातियों के बर्ताव के कारण लिया. मैसेज में लिखा है, “राजस्थान के "झालावाड़" में एक साथ 100 नर्सं ने दिया इस्तीफा... क्योंकि जमाती उनपर थूकते हैं, वार्ड बॉय खाना देने जाता है तो जाहिल जमाती बिरयानी की मांग करते हैं और मांग पूरी नहीं होने पर उन्हें गंदी गंदी गाली देते हैं.”
लेकिन ये दावा गलत है. इतनी बड़ी संख्या में नर्सों का इस्तीफा किसी और कारण से हुआ था.
इस स्टोरी को लिखे जाने तक ऊपर दिए गए ट्वीट पर 1,000 से ज्यादा रीट्वीट्स और लगभग 2,000 लाइक्स आ चुके थे.
ट्विटर पर कई लोगों ने इसी दावे के साथ स्क्रीनशॉट को शेयर किया.
यही दावा फेसबुक पर भी वायरल हो गया.
हमें जांच में क्या मिला?
हमने नोटिस किया कि बुलेटिन के स्क्रीनशॉट में जमातियों की बदतमीजी करने को लेकर कोई दावा नहीं किया गया है, न ही उसमें नर्सों के इस्तीफे का कोई कारण बताया गया है.
गूगल पर कीवर्ड को सर्च करने के बाद, हमें न्यूज नेशन का एक आर्टिकल मिला.
इस आर्टिकल में तबलीगी जमात के सदस्यों के बदतमीजी करने को लेकर कुछ नहीं लिखा था. बल्कि रिपोर्ट में लिखा था कि नर्सों ने इसलिए इस्तीफा दिया क्योंकि उन्होंने 6,000 की कम सैलरी पर काम करने से इनकार कर दिया था.
आर्टिकल के मुताबिक, नर्सिंग स्टाफ ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वो मुफ्त में काम कर लेंगी, लेकिन इतनी कम सैलरी पर काम नहीं करेंगी. कोरोना वायरस से बचने के लिए PPE किट की कमी की भी उन्होंने शिकायत की.
हमें ABP न्यूज की भी एक न्यूज रिपोर्ट मिली, जिसमें घटना को लेकर यही बात लिखी हुई थी. इस रिपोर्ट में ये भी लिखा था कि ये घटना झालवाड़ मेडिकल कॉलेज की है.
इस आर्टिकल के मुताबिक, नर्सिंग स्टाफ ने मेडिकल कॉलेज के डीन को अपना इस्तीफा सौंपा. उन्होंने आरोप लगाया कि मेडिकल स्टाफ के कोरोना वायरस पॉजिटिव आने के बावजूद, नर्सिंग कर्मचारियों का टेस्ट नहीं हुआ. उन्होंने कम सैलरी की भी शिकायत की और आरोप लगाया कि COVID-19 वॉर्ड में काम करने वालों को PPE किट नहीं दी जा रही है.
किसी भी रिपोर्ट में हमें जमातियों की बदतमीजी की बात नहीं मिली. इससे साफ होता है कि एक न्यूज बुलेटिन के स्क्रीनशॉट को गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है.
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