हाल में ही यूपी में 10वीं और 12वीं के रिजल्ट आए हैं. इस बीच सोशल मीडिया पर ये दावा किया जा रहा है कि 10वीं-12वीं में जिन स्टूडेंट्स को जनरल प्रमोशन के जरिए मार्कशीट दी गई है, वो सरकारी परीक्षा में नहीं बैठ सकते. कुछ सोशल मीडिया पोस्ट्स के साथ न्यूज 18 का एक स्क्रीनशॉट भी वायरल हो रहा है.
हालांकि, पड़ताल में हमने पाया कि असम से जुड़ी एक खबर के स्क्रीनशॉट के साथ छेड़छाड़ कर भ्रामक दावे से शेयर किया जा रहा है.
दावा
सोशल मीडिया पर वायरल स्क्रीनशॉट में लिखा हुआ है कि बिना परीक्षा दिए प्रमोट होने वाले स्टूडेंट्स की मार्कशीट सरकारी नौकरियों के लिए इनवैलिड होगी. साथ ही, हेडलाइन में ये भी लिखा हुआ है कि ऐसे स्टूडेंट्स को सरकारी नौकरी के लिए स्पेशल एग्जाम देना होगा. ये दावा यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ से जोड़कर भी शेयर किया जा रहा है.
पड़ताल में हमने क्या पाया
स्क्रीनशॉट News18 के नाम से वायरल हो रहा है. इसलिए, हमने News 18 की वेबसाइट पर जाकर देखा. हमें उसी हेडलाइन से 7 जुलाई को पब्लिश एक न्यूज रिपोर्ट मिली जो वायरल स्क्रीनशॉट में दिख रहा है.
हमने वायरल स्क्रीनशॉट और वेबसाइट की खबर दोनों की आपस में तुलना की.
ऊपर दिए गए दोनों स्क्रीनशॉट के बीच का अंतर आप साफ-साफ देख सकते हैं. दोनों ही स्क्रीनशॉट में हेडलाइन और इंट्रो में लिखी लाइनें एक जैसी ही हैं. लेकिन, वायरल फोटो में आखिर में लिखी वो लाइनें मौजूद नहीं हैं जो ओरिजिनल रिपोर्ट में दिख रही हैं. ओरिजिनल रिपोर्ट में साफ-साफ लिखा है कि 'यह आदेश असम सरकार ने जारी किया है.'
News 18 की रिपोर्ट के मुताबिक, असम सरकार के आदेश के मुताबिक, राज्य सरकार के द्वारा भविष्य में दी जाने वाली नौकरियों में आवेदन करने के इच्छुक छात्रों को स्पेशल एग्जाम में शामिल होना पड़ेगा. असम सरकार कोरोना की स्थिति में सुधार होते ही स्पेशल एग्जाम करा सकती है. इस परीक्षा में शामिल हुए बिना कोई भी छात्र असम सरकार के शिक्षा विभाग या किसी अन्य विभाग के कर्मचारी के पद के लिए आवेदन नहीं कर सकेगा.
इसके अलावा, हमें 5 जुलाई 2021 की Outlook पर पब्लिश एक और रिपोर्ट मिली. जिसमें ये बताया गया था कि असम सरकार प्रमोट हुए 10वीं और 12वीं के छात्रों का स्पेशल एग्जाम करवाएगी. हालांकि, इसमें ये भी बताया गया है कि असम के छात्र संगठनों और विपक्षी दलों ने इस आदेश का विरोध किया था.
यहां से क्लू लेकर हमने इस आदेश के विरोद से जुड़ी न्यूज रिपोर्ट सर्च करने की कोशिश की. हमें Times Now की 9 जुलाई की एक रिपोर्ट मिली जिसके मुताबिक स्पेशल एग्जाम से जुड़ा ये आदेश वापस ले लिया गया है.
हमें NDTV में भी 9 जुलाई की एक रिपोर्ट मिली. इसकी हेडलाइन थी 'असम ने कक्षा 10, 12 परीक्षा मूल्यांकन योजना में विवादास्पद खंड वापस लिया'.
रिपोर्ट में ये बताया गया था कि, स्पेशल एग्जाम को लेकर हुए भारी विरोध के बाद, सीएम हिमंता बिस्वा सरमा और कई स्टूडेंट्स यूनियन के बीच हुई मीटिंग में इस आदेश को वापस ले लिया गया.
Times of India में भी 9 जुलाई को पब्लिश एक रिपोर्ट में यही जानकारी दी गई थी कि स्टूडेंट्स के भारी विरोध के बाद ये आदेश वापस ले लिया गया है.
छात्र क्यों कर रहे थे स्पेशल एग्जाम का विरोध?
10 वीं और 12वीं की परीक्षाएं पास कर चुके स्टूडेंट्स के लिए ये नियम परेशानी का सबब बना हुआ था. जो स्टूडेंट्स किसी खास कोर्स या नौकरी के लिए तैयारी कर रहे थे, उन्हें फिर से स्पेशल एग्जाम के लिए पढ़ना पड़ता.
हालांकि, सरकार का तर्क था कि जिन सरकारी नौकरियों में 10वीं और 12वीं के रिजल्ट का असर पड़ता है ये नियम उनको देखते हुए बनाया गया था.
क्या और भी किसी राज्य में लागू हुआ है स्पेशल एग्जाम का नियम?
हमने प्रमोटेड छात्रों के लिए स्पेशल एग्जाम से जुड़ी न्यूज रिपोर्ट्स सर्च कीं, ताकि ये पता किया जा सके कि क्या किसी और बोर्ड या राज्य में ऐसा नियम लागू हुआ है. हमें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली.
यूपी में हाल में ही 10वीं और 12वीं के रिजल्ट आए हैं. हालांकि, हमें यूपी में भी स्पेशल एग्जाम से जुड़ी ऐसी कोई खबर नहीं मिली.
हमें TOI और NDTV की रिपोर्ट्स मिलीं, जिनमें उत्तर प्रदेश में एग्जाम की मूल्यांकन नीति के बारे में बताया गया है. हालांकि, ऐसी कोई जानकारी नहीं दी गई है कि यूपी में स्पेशल एग्जाम होगा.
मतलब साफ है कि वायरल स्क्रीनशॉट News 18 की खबर को या तो क्रॉप करके या फिर एडिट करके शेयर किया गया है. जहां न्यूज आर्टिकल में असम राज्य की बात की गई है वहीं वायरल स्क्रीनशॉट में असम वाला हिस्सा हटा दिया गया है.
ये स्क्रीनशॉट भ्रामक है. न तो प्रमोटेड स्टूडेंट्स को कोई स्पेशल एग्जाम देना होगा और न ही उनकी मार्कशीट सरकारी नौकरियों के लिए अमान्य होंगी.
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