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बैलगाड़ी के काफिले की इस फोटो का नहीं है किसान आंदोलन से कोई संबंध

यूथ कांग्रेस की रैली की 2 साल पुरानी फोटो को गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है

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बैलगाड़ी के काफिले की एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. फोटो के आधार पर दावा किया जा रहा है कि दिल्ली सीमा पर चल रहे किसान आंदोलन में अब छोटे-छोटे गांवों से भी लोग पहुंचने लगे हैं. वेबकूफ की पड़ताल में सामने आया कि फोटो 2 साल पुरानी है और इसका किसान आंदोलन से कोई संबंध नहीं है.

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दावा ये थप्पड़ है गोदी मीडिया के मुंह पर..देश के सबसे पिछड़े गांवों तक भी किसानों का इन्कलाब पहुंच गया है.. फोटो के साथ शेयर किया जा रहा कैप्शन है -

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फोटो फेसबुक पर भी इसी दावे के साथ वायरल है

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पड़ताल में हमने क्या पाया

वायरल फोटो को गूगल पर रिवर्स सर्च करने से हमें पत्रिका वेबसाइट पर 13 सितंबर, 2018 की एक रिपोर्ट में यही फोटो मिली. रिपोर्ट से पता चलता है कि बालाघाट में युवा कांग्रेस व एनएसयूआई ने पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के विरोध में प्रदर्शन किया था.

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यूथ कांग्रेस के 13 सितंबर 2018 के फेसबुक पोस्ट में भी यही फोटो पोस्ट की गई है. . सितंबर 2018 की अन्य मीडिया रिपोर्ट्स से भी पुष्टि होती है कि यूथ कांग्रेस ने पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों को लेकर प्रदर्शन किया था.

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मतलब साफ है कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों के खिलाफ निकाली गई यूथ कांग्रेस की बैलगाड़ी रैली की फोटो को किसान आंदोलन से जोड़कर शेयर किया जा रहा है.

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