महाराष्ट्र के मंत्री आदित्य ठाकरे की एक होर्डिंग की फोटो सोशल मीडिया पर शेयर हो रही है, जिसमें कुछ उर्दू में लिखा नजर आ रहा है. इसे शेयर कर ये बताया जा रहा है कि शिवसेना मुस्लिम समुदाय को खुश करने की कोशिश कर रही है.
हालांकि, हमने पाया कि 2019 की एक फोटो भ्रामक संदेश के साथ शेयर की जा रही है. तब महाराष्ट्र चुनाव से पहले आदित्य ठाकरे की होर्डिंग न सिर्फ उर्दू, बल्कि मराठी, गुजराती और तेलुगु में भी लगाई गईं थीं.
दावा
बीजेपी की राष्ट्रीय मीडिया पैनलिस्ट, चारू प्रज्ञा ने उर्दू में दिख रहे टेक्स्ट (जिसका मतलब है सलाम वर्ली) वाली होर्डिंग की फोटो शेयर कर कैप्शन में लिखा है: "From Saffron to Green, From Marathi to Urdu, From Shiv Sena to...?"
(अनुवाद- केसरिया से हरे तक, मराठी से उर्दू तक, शिवसेना से...?)
पड़ताल में हमने क्या पाया
हमने वायरल फोटो को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च किया, जिससे हमें अक्टूबर 2019 का India Today पर पब्लिश एक आर्टिकल मिला.
आर्टिकल के मुताबिक, आदित्य ठाकरे ने तब महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए वर्ली में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था.
वायरल फोटो जैसी ही फोटो वाली रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि ठाकरे के पोस्टर कई भाषाओं जैसे उर्दू, गुजराती, हिंदी और कई दक्षिण भारतीय भाषाओं में लगाए गए थे.
बाईं ओर वाली फोटो पर उर्दू में लिखा है: "सलाम वर्ली" जबकि दाईं ओर वाली फोटो पर तेलुगु में लिखा है: "नमस्ते वर्ली''
इन तस्वीरों के लिए Aaj Tak के संवाददाता सौरभ वकटानिया को क्रेडिट दिया गया है. सौरभ ने क्विंट की वेबकूफ टीम को बताया कि ये फोटो 2019 की है.
''ये एक पुरानी फोटो है और मैंने सिर्फ ये तस्वीरें खींची हैं. ये होर्डिंग वर्ली निर्वाचन क्षेत्र से आदित्य ठाकरे के चुनाव अभियान के दौरान लगाई गईं थीं. ये होर्डिंग मराठी, दक्षिण भारतीय भाषाओं और गुजराती के साथ-साथ कई दूसरी भाषाओं में भी लगाई गईं थीं.सौरभ वकटानिया, आज तक संवाददाता
हमें News18 का भी एक आर्टिकल मिला, जो 3 अक्टूबर 2019 को पब्लिश किया गया था. इसमें गुजराती, मराठी जैसी कई भाषाओं में लगाई गई ऐसी ही होर्डिंग की फोटो इस्तेमाल की गई थीं. (नोट: फोटो देखने के लिए दाएं स्वाइप करें)
क्विंट के रिपोर्टर ऋत्विक भालेकर ने भी पुष्टि करते हुए बताया कि 2019 में महाराष्ट्र चुनाव से पहले आदित्य ठाकरे की अलग-अलग भाषाओं में होर्डिंग लगाई गईं थीं.
मतलब साफ है कि कई सोशल मीडिया यूजर्स भ्रामक संदेश के साथ 2 साल पुरानी फोटो शेयर कर ये लिख रहे हैं कि शिवसेना मुस्लिम समुदाय को खुश करने की कोशिश कर रही है.
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