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पंजाब में सबसे महंगी बिजली? दिल्ली के CM केजरीवाल का भ्रामक दावा

2019 की रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र और राजस्थान में बिजली सप्लाई की औसत दर + शुल्क/टैक्स सबसे ज्यादा है.

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दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने 29 जून को कई वादे किए. उन्होंने कहा कि अगर पंजाब में आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार आती है, तो सबको 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली दी जाएगी.

उन्होंने ये वादे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में किए. उन्होंने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये भी सवाल किया कि पंजाब में देश की 'सबसे महंगी' बिजली क्यों है. बता दें कि अगले साल पंजाब में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं.

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वीडियो के 2 मिनट 36 सेकंड वाले हिस्से में उन्हें ये कहते हुए सुना जा सकता है, ''पूरे देश में लगभग सबसे महंगी बिजली पंजाब में है. क्यों? पंजाब को जितनी बिजली चाहिए, उससे ज्यादा बिजली पंजाब में ही बनती है. उसके बावजूद देश में सबसे महंगी बिजली पंजाब में क्यों मिलती है?''

इससे पहले ऐसा ही दावा पार्टी प्रवक्ता राघव चड्ढा और पार्टी के पंजाब अध्यक्ष और सांसद भगवंत मान भी कर चुके हैं.

2019 की रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र और राजस्थान में बिजली सप्लाई की औसत दर + शुल्क/टैक्स सबसे ज्यादा है.

पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें

(सोर्स: स्क्रीनशॉट/ट्विटर)

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महाराष्ट्र और राजस्थान में है सबसे महंगी बिजली, न कि पंजाब में

हमने मार्च 2019 में केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी) की ओर से जारी बिजली दरों पर रिपोर्ट देखी. रिपोर्ट में भारत में बिजली की दर और लगने वाले शुल्क के साथ-साथ बिजली की सप्लाई की औसत दरों का विवरण दिया गया है.

'एवरेज रेट्स ऑफ इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई ऐंड इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी' (बिजली आपूर्ति और बिजली शुल्क की औसत दर) नाम के सब सेक्शन में हमें घरेलू उपभोक्ताओं के लिए औसत दर देखने को मिली.

रिपोर्ट को अलग-अलग कैटेगरी में बांटा गया है. जैसे कि, 1 किलोवाट (100 यूनिट/महीना), 2 किलोवाट (200 यूनिट/महीना), और इसी तरह 10 किलोवाट (1000 यूनिट/महीना) तक.

ये बिजली सप्लाई की औसत दर और ऊपर बताई गई कैटेगरीज में लगाए गए शुल्क/टैक्स के योग की गणना करता है.

1kW के डोमेस्टिक पावर लोड (घरेलू बिजली भार) के लिए, राजस्थान में बिजली सप्लाई की सबसे ज्यादा औसत दर + शुल्क/टैक्स की 7.38 रुपये प्रति किलोवाट घंटा (kwh) है, जबकि पंजाब में 5.83 रुपये प्रति किलोवाट घंटा (kwh) है.

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इसी तरह, 2 किलोवाट के घरेलू बिजली लोड के लिए, बिजली सप्लाई की औसत दर + शुल्क/टैक्स महाराष्ट्र-मुंबई (रिलायंस एनर्जी) के लिए सबसे ज्यादा 7.76 रुपये प्रति kwh है और ये पंजाब में 6.73 रुपये प्रति kwh है.

यहां आप अलग-अलग डोमेस्टिक लोड के लिए पूरे भारत में बिजली सप्लाई की औसत दर के सबसे ज्यादा और सबसे कम वैल्यू + शुल्क/टैक्स पर नजर डाल सकते हैं.

इसके अलावा, मार्च 2021 में केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग (CERC) की ओर से जारी एक रिपोर्ट में अलग-अलग राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की औसत बिजली खरीद लागत (APPC) के बारे में बताया गया है.

रिपोर्ट में किसी एक राज्य में APPC (एवरेज पावर परचेज कॉस्ट) की गणना के लिए फॉर्मूला दिया गया है. इसके मुताबिक, अगर राज्य में अलग-अलग यूटिलिटीज काम कर रही हैं, मतलब अलग-अलग चीजों के लिए पावर का इस्तेमाल हो रहा है तो इस केस में APPC को कैलकुलेट करने के लिए हर यूटिलिटी के लिए पावर क्वॉन्टम के हिसाब से पावर परचेज कॉस्ट का औसत निकालते हैं.

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अंडमान और निकोबार के लिए APCC 18.45 रुपये प्रति यूनिट है, जो सबसे ज्यादा है. जबकि ओडिशा के लिए ये 2.46 रुपये प्रति यूनिट है. पंजाब की बात करें तो ये 3.65 रुपये प्रति यूनिट है. मतलब साफ है कि ये स्पष्ट है कि ये अन्य राज्यों की तुलना में सबसे ज्यादा नहीं है.

पंजाब में क्या है बिजली का शुल्क?

पंजाब स्टेट इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (PSERB) ने 28 मई को घरेलू उपभोक्ताओं के लिए, 2kW तक के लोड के लिए प्रति यूनिट टैरिफ (दर) में कमी की है. '0 से 100' यूनिट और 101 से 300 यूनिट के कंजंप्शन (खपत) स्लैब के लिए क्रमश: 1 रुपये और 50 पैसे कम किए गए हैं. नया टैरिफ 1 जून से 31 मार्च 2022 तक प्रभावी है.

प्रति यूनिट बिजली शुल्क अलग-अलग खपत स्लैब के लिए अलग-अलग है. इसे ही एनर्जी चार्ज कहा जाता है. 2kW तक की डोमेस्टिक सप्लाई और 100 यूनिट तक की खपत स्लैब के लिए, PSERB की तरफ से लगाया गया एनर्जी चार्ज 3.49 रुपये प्रति kWh है.

2019 की रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र और राजस्थान में बिजली सप्लाई की औसत दर + शुल्क/टैक्स सबसे ज्यादा है.

मौजूदा टैरिफ

(सोर्स: स्क्रीनशॉट/PSERB)

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इसी तरह, 2kW से 7kW तक के पावर लोड का इस्तेमाल करने वाले घरेलू उपभोक्ताओं के लिए, और 0 से 100 यूनिट और 101 से 300 यूनिट के खपत स्लैब के लिए, एनर्जी चार्ज में क्रमश: 75 पैसे और 50 पैसे की कमी की गई है.

हालांकि, जब एनर्जी चार्ज की तुलना दिल्ली से की जाती है, तो राष्ट्रीय राजधानी में ये चार्ज कम है.

2kW तक के घरेलू बिजली भार और 200 यूनिट तक की खपत के लिए, दिल्ली में एनर्जी चार्ज 3 रुपये प्रति kWh है. पंजाब के मामले में, 2kW तक के पावर लोड और 0 से 100 यूनिट और 101 से 300 यूनिट के खपत स्लैब का इस्तेमाल करने वाले घरेलू उपभोक्ता को एनर्जी चार्ज क्रमशः 3.49 रुपये प्रति kWh और 5.84 रुपये प्रति kWh है देना होता है.

मतलब साफ है, आम आदमी पार्टी के नेताओं की ओर से किया जाने वाला ये दावा गलत है कि सभी राज्यों की तुलना में पंजाब में बिजली सबसे महंगी है.

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