सोशल मीडिया पर कुछ घायल अफ्रीकियों की तस्वीरें शेयर कर दावा किया जा रहा है कि ये तस्वीरें दिखाती हैं कि यूक्रेन (Ukraine) की सीमा पर अफ्रीकी नागरिकों के साथ कैसे व्यवहार हुआ.
यूक्रेन में अफ्रीकियों के साथ दुर्व्यवहार और भेदभाव के दावे ऐसे समय में आ रहे हैं, जब यूक्रेन से हजारों की संख्या में लोग देश छोड़कर भागने की कोशिश कर रहे हैं.
ये बात सच है कि अफ्रीक सहित कई देशों के छात्रों ने दावा किया है कि यूक्रेन की सीमा पर उनके साथ भेदभाव हुआ है, लेकिन ये तस्वीरें यक्रेन की नहीं हैं.ये तस्वीरें मेलिला के एक रिफ्यूजी कैंप की हैं, जो मोरक्को के उत्तर पर स्थित एक एंक्लेव है.
पड़ताल में हमने क्या पाया
हमें ये तीनों तस्वीरें रिवर्स इमेज सर्च करने पर Getty Images पर मिलीं.
कैप्शन में बताया गया है कि फोटो में प्रवासी दिख रहे हैं जो मेलिला में सेंटर फॉर इमिग्रैंट्स एंड एसाइलम सीकर्स (CETI) के अस्थायी केंद्र पहुंचे थे. वो 2 मार्च 2022 को मोरक्को से स्पेन के मेलिला एंक्लेव की उस बॉर्डर फेंस को पार करके पहुंचे थे जो मोरक्को को स्पेन से अलग करती है.
(तस्वीरें देखने के लिए दाईं ओर स्वाइप करें)
कैप्शन में ये भी बताया गया है कि करीब 1,200 प्रवासियों ने 3 मार्च को स्पेन के मेलिला एंक्लेव को मोरक्को से अलग करने वाली सीमा पर घुसने की कोशिश की.
ये तस्वीरें इंटरनैशनल न्यूज एजेंसी, एजेंस फ्रांस-प्रेसे (AFP) की ओर से ली गई थी. AFP ने स्पेन-मोरक्को सीमा पर अफ्रीकियों की स्थिति की रिपोर्ट की थी.
स्पेन और मोरक्को में क्या हो रहा है प्रवासियों के साथ
Reuters की रिपोर्ट के मुताबिक, 2500 से ज्यादा प्रवासियों ने 2 मार्च को मोरक्को से स्पेन के उत्तरी अफ्रीकी एंक्लेव मेलिला को अलग करने वाली एक ऊंची बाड़ पर चढ़ने की कोशिश की थी. इसमें 500 लोग स्पेनिश इलाके में घुसने में कामयाब रहे.
मेलिला की केंद्र सरकार ने उप-सहारा अफ्रीका के प्रवासियों के बारे में एक बयान जारी कर बताया कि उनके पास हुक और डंडे थे. जब सुरक्षा बलों ने उन्हें 20 फीट की बाड़ पर चढ़ने से रोका तो उन्होंने पत्थर फेंके.
इसमें 16 पुलिस अधिकारी और 20 प्रवासी घायल हो गए.
मतलब साफ है कि वायरल फोटो यूक्रेन की नहीं, बल्कि मेलिला में स्थित एक रिफ्यूजी कैंप की हैं.
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