सोशल मीडिया पर जमीन पर पड़े एक पुलिसकर्मी और हाथ में पत्थर लेकर खड़े एक शख्स की फोटो शेयर की जा रही है. दावा किया जा रहा है कि ये फोटो दिल्ली (Delhi) के जहांगीरपुरी (Jahangirpuri) की है.
शनिवार 16 अप्रैल को जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती की शोभायात्रा के दौरान सांप्रदायिक हिंसा हुई थी. इसी हिंसा से जोड़कर फोटो को शेयर किया जा रहा है, जिसे कई वेरिफाइड ट्विटर अकाउंट और मीडिया आउटलेट्स ने शेयर किया है.
इस मामले में 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिसमें 2 नाबालिग भी शामिल हैं.
हालांकि, हमने पाया कि ये फोटो दिल्ली की नहीं, बल्कि गुजरात के अहमदाबाद की है और 2019 की है, जब नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के विरोध में प्रदर्शन के दौरान भीड़ और पुलिस के बीच झड़प हुई थी.
दावा
यूपी के तरबगंज से बीजेपी विधायक प्रेम नारायण पांडे ने फोटो शेयर कर लिखा, ''ये हाल, दिल्ली में पुलिस का आम हिन्दू क्या होगा?"
फोटो को दिल्ली के बीजेपी प्रवक्ता नवीन कुमार जिंदल (यहां) के साथ-साथ The Statesman और India TV जैसे मीडिया आउटलेट ने भी शेयर किया है.
फेसबुक और ट्विटर पर किए गए ऐसे ही पोस्ट के आर्काइव आप यहां और यहां देख सकते हैं.
पड़ताल में हमने क्या पाया
फोटो को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें दिसंबर 2019 का The Times of India पर पब्लिश एक आर्टिकल मिला.
आर्टिकल के मुताबिक, अहमदाबाद में सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट (CAA) के खिलाफ प्रोटेस्ट के दौरान, शहर के शाह-ए-आलम इलाके में भीड़ और पुलिस में झड़प हो गई.
इस रिपोर्ट में आगे ये भी बताया गया है कि, ''पथराव और हमले में कम से कम 30 लोग घायल हुए, जिसमें 12 पुलिसकर्मी भी शामिल थे. एक डीसीपी, एसीपी और एक पीआई को भी चोटें आईं थीं.''
ये फोटो Navbharat Times और The Economic Times जैसे दूसरे कई मीडिया आउटलेट्स में भी छपी थी.
क्विंट पर भी एक रिपोर्ट पब्लिश हुई थी, जिसमें अहमदाबाद में हुई हिंसक झड़पों के विजुअल थे.
मतलब साफ है कि अहमदाबाद का पुराना वीडियो इस गलत दावे से शेयर किया जा रहा है कि ये वीडियो जहांगीरपुरी का है.
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