सोशल मीडिया पर गृह मंत्री अमित शाह के बताए जा रहे एक लैटर की कॉपी वायरल हो रही है. दावा किया जा रहा है कि अमित शाह ने ये पत्र उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को लिखकर बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) को Z सुरक्षा देने के लिए कहा है. पत्र में लिखा है कि नूपुर शर्मा आरएसएस की विचारधारा का प्रसार करने वाली आइकन हैं. साथ ही, ये भी लिखा है कि वो ''हिंदू राष्ट्र'' के लक्ष्य को प्राप्त करने में अहम भूमिका निभाएंगी.
हाल में बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नुपुर शर्मा ने पैगंबर मोहम्मद को लेकर एक न्यूज डिबेट में कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी.
हालांकि, हमारी पड़ताल में सामने आया कि ये लैटर फेक है. इसी फॉर्मेट में पिछले साल भी एक लेटर वायरल हुआ था. ऐसी कोई विश्वसनीय रिपोर्ट भी अब तक मीडिया में नहीं आई है जिससे पुष्टि होती हो कि नूपुर शर्मा को सरकार ने Z सुरक्षा दी है.
दावा
सोशल मीडिया पर फोटो को गृह मंत्री अमित शाह की तरफ से लिखा गया ऑफिशियल लेटर बताकर शेयर किया गया
पड़ताल में हमने क्या पाया ?
हमने अलग-अलग कीवर्ड्स के जरिए ऐसी रिपोर्ट्स सर्च कीं जिनसे पता चल सके कि अमित शाह ने हाल में ऐसा कोई लेटर लिखा है या नहीं. ऐसी कोई रिपोर्ट हमें नहीं मिली.
वायरल फोटो को रिवर्स सर्च करने से हमें ऐसे ही एक वायरल लेटर की फोटो मिली. इस लेटर को अमित शाह की तरफ से यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ को लिखा गया लेटर बताकर 2021 में शेयर किया गया था.
दावा किया गया था कि गृह मंत्री अमित शाह ने कोरोना की स्थिति को ठीक से नियंत्रित करने के लिए यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर सराहना की.
2021 का ये लेटर फेक था, इंडिया टुडे ने इस लेटर का फैक्ट चेक भी किया था. इस फैक्ट चेक रिपोर्ट में बताया गया था कि लेटर में जो सीरियल नंबर है, गृह मंत्रालय की तरफ से इस सीरियल नंबर वाला कोई लेटर जारी नहीं हुआ.
यही नहीं, इस लेटर में ग्रामर की कई गलतियां थीं, जो कि आमतौर पर इस तरह के आधिकारिक लेटर में नहीं होती हैं. हमें गृह मंत्री अमित शाह के लिखे गए कुछ असली पत्र भी मिले. इन्हें आप यहां और यहां देख सकते हैं.
ये सच है कि नूपुर शर्मा की पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी के बाद उन्हें हत्या और रेप की धमकी मिली थीं, जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने उन्हें सुरक्षा उपलब्ध कराई है.
प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) फैक्ट चेक ने भी वायरल हो रहे इस लेटर को फेक बताते हुए स्पष्ट किया है कि गृह मंत्री की तरफ से ऐसा कोई लेटर जारी नहीं हुआ.
रिपोर्ट्स के मुताबिक उत्तराखंड पुलिस ने इसपर अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कर ली है.
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