पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की एक मॉर्फ्ड फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें दोनों टोपी पहने हुए हैं. कई यूजर्स इस फोटो को शेयर कर दावा कर रहे हैं कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले BJP तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है.
दावा
इस फोटो को बांग्ला में लिखे कैप्शन के साथ फेसबुक और ट्विटर पर शेयर किया जा रहा है, जिसका हिंदी अनुवाद है: "ये तस्वीर सबके लिए नहीं है. ये उन सभी भक्तों के लिए है जो ममता को ममता बेगम कहते हैं. ये वो लोग हैं जिनका नाम रखा जाना चाहिए (फोटो में दिख रहे लोग). हम कोई भी काम छुपाके नहीं करते और न ही हम ऐसा करना चाहते हैं. हम कुछ भी नहीं छिपा सकते और आप?
पड़ताल में हमने क्या पाया
हमने फोटो को रिवर्स इमेज सर्च करके देखा. NEWS 18 की 28 अगस्त 2019 को प्रकाशित एक रिपोर्ट में इस वायरल फोटो का जूम्ड आउट वर्जन इस्तेमाल किया गया था.
कैप्शन के मुताबिक, ये फोटो पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय अरुण जेटली के घर के बाहर खींची गई थी. पीएम मोदी और अमित शाह जेटली के देहांत के बाद शोक प्रकट करने गए थे.
News 18 ने इस फोटो के लिए न्यूज एजेंसी PTI को क्रेडिट दिया था.
हमें PTI आर्काइव में यही फोटो मिली. जिसे 28 अगस्त 2019 को अपलोड किया गया था.
ओरिजनल फोटो और वायरल फोटो दोनों को एक साथ रखकर इनकी तुलना करने पर हमें दिखता है कि कैसे ओरिजनल फोटो के साथ छेड़छाड़ करके फोटो में धार्मिक टोपी जोड़ दी गई है.
मतलब साफ है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की 2019 की फोटो के साथ छेड़छाड़ कर इस गलत दावे से शेयर किया जा रहा है कि दोनों ने बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले धार्मिक टोपी पहनी है.
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