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Fact Check: GST की नई दरों पर सरकार को टारगेट करता Amul का एडिटेड विज्ञापन वायरल

Amul के विज्ञापन की ये फोटो एडिटेड है. ओरिजिनल फोटो में लिखा था, ''अब की बार, भाजप स्वीकार''.

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सोशल मीडिया पर अमूल (Amul) विज्ञापन की एक फोटो वायरल हो रही है, जिसमें अमूल के विज्ञापन में इस्तेमाल होने वाला लड़की का कार्टून कैरेक्टर पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) के साथ सेल्फी लेते दिख रहा है.

इस विज्ञापन में ऊपर बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा है 'Ab ki baar, GST ka maar (अब की बार, जीएसटी का मार)' . इसे शेयर कर सरकार और गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) काउंसिल पर कटाक्ष किया जा रहा है.

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सरकार ने हाल में ही कुछ चीजों और सेवाओं पर टैक्स रेट बढ़ाए हैं और कुछ चीजों पर दी जाने वाली छूट भी वापस ले ली है.

हालांकि, हमने पाया कि वायरल फोटो एडिटेड है. ओरिजिनल अमूल विज्ञापन तब शेयर किया गया था, जब 2014 में बीजेपी ने लोकसभा चुनाव जीते थे. ओरिजिनल विज्ञापन में ये लिखा हुआ था, 'Ab ki baar, Bhajap sweekar' (अब की बार भाजप स्वीकार)

दावा

पोस्टर को शेयर कर एक यूजर ने लिखा, ''गलत सरकार दूध पर 5% टैक्स बढ़ाया''

Amul के विज्ञापन की ये फोटो एडिटेड है. ओरिजिनल फोटो में लिखा था, ''अब की बार, भाजप स्वीकार''.

पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें

(सोर्स: स्क्रीनशॉट/ट्विटर)

ऐसे ही और पोस्ट के आर्काइव आप यहां और यहां देख सकते है.

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पड़ताल में हमने क्या पाया

फोटो को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें Amul के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से 16 मई 2014 को किया गया एक ट्वीट मिला.

ट्वीट में जिस फोटो का इस्तेमाल किया गया था उसमें 'Ab ki baar, GST ka maar' की जगह, 'Ab ki baar, Bhajap sweekar' लिखा था.

Amul के विज्ञापन की ये फोटो एडिटेड है. ओरिजिनल फोटो में लिखा था, ''अब की बार, भाजप स्वीकार''.

बाएं वायरल फोटो, दाएं ओरिजिनल फोटो

(फोटो: Altered by The Quint)

मतलब साफ है कि Amul का ये विज्ञापन पीएम मोदी की 2014 में जीत से संबंधित है. वायरल फोटो एडिटेड है.

हाल में ही GST की नई दरें की गई हैं लागू

गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) काउंसिल ने कुछ चीजों पर टैक्स बढ़ाया है. साथ ही, कुछ चीजों पर दी जाने वाली छूट भी वापस ले ली है. इसके बाद, दही, पनीर, मीट, लस्सी और मछली जैसे कई पैकेज्ड फूड आइटम महंगे हुए हैं.

विपक्ष के नेताओं ने चल रहे मानसून सत्र में इस मुद्दे को उठाया है और इस टैक्स में हुई बढ़ोतरी का विरोध कर रहे हैं.

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