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बंगाल नहीं, UP में लगाई गई थीं ये आपत्तिजनक और भड़काऊ होर्डिंग

रिपोर्ट के मुताबिक जिस इंटर कॉलेज में ये आपत्तिजनक पोस्टर लगाए गए हैं, वो राजा भैया का इंटर कॉलेज है

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ट्विटर पर जाकिर नाइक और मौलना सैयद अहमद बुखारी जैसे नेताओं की फोटो और नाम वाले पोस्टर की फोटो वायरल हो रही है. इन पोस्टर में हिंदू विरोधी और आपत्तिजनक बयान कुछ ऐसे लिखे गए हैं, मानों ये बयान इन नेताओं के ही हों. फोटो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि ये घटना पश्चिम बंगाल (West Bengal) की है.

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हालांकि, पड़ताल में हमने पाया कि ये फोटो पश्चिम बंगाल नहीं, बल्कि विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के क्षेत्र कुंडा, प्रतापगढ़ की है. जहां एक इंटर कॉलेज की दीवार पर कुछ शरारती तत्वों ने ये फोटो लगा दी थी.

दावा

दीवार पर लगे बैनर और पोस्टर की फोटो इस दावे से शेयर की जा रही है: ''पढ़ लो शांतिदूतों के फरमान, जो कि पश्चिम बंगाल के खुले ग्राउंड में लगे हुए हैं! आज भारत मे यह हो रहा है तो फिर आप आनेवाले कल का सोचो! आज वहा है ,कल हम तक, परसो आपतक! #जागो_हिन्दुओं अखंड भारत को खंडित भी ऐसो ने ही किया होगा! हिम्मत कहा से आती है ईतनी, सरकार के सह से या आसमान से''

रिपोर्ट के मुताबिक जिस इंटर कॉलेज में ये आपत्तिजनक पोस्टर लगाए गए हैं, वो राजा भैया का इंटर कॉलेज है

पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें

(सोर्स: स्क्रीनशॉट/ट्विटर)

कई यूजर्स ने इस दावे को ट्विटर पर शेयर किया है. इनके आर्काइव आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.

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पड़ताल में हमने क्या पाया

हमने एक ट्विटर यूजर के संंबंधित मामले से जुड़े ट्वीट पर आए कमेंट देखे. जिसमें एक अन्य यूजर ने कमेंट कर बताया था कि ये मामल बंगाल का नहीं, बल्कि प्रतापगढ़ के कुंडा का है.

यहां से क्लू लेकर हमने गूगल पर संबंधित घटना से जुड़े कीवर्ड डालकर सर्च किए. हमें Dainik Jagran पर 12 अगस्त को पब्लिश एक रिपोर्ट मिली. इसकी हेडलाइन है- कुंडा में विवादित होर्डिग से सौहा‌र्द्र बिगाड़ने की कोशिश.

रिपोर्ट के मुताबिक, कुंडा के टीपी इंटर कॉलेज की बाउंड्री पर कुछ अराजकतत्वों ने अकबरूद्दीन ओवैसी, आजम खां, जाकिर नाइक, नूरूरल रहमान बरकती एवं मौलाना सैयद अहमद बुखारी के चित्र वाले भड़काऊ बयान लिखे हुए होर्डिग तथा पोस्टर लगवा दिए. इसमें ये भी बताया गया है कि पुलिस ने ये भड़काऊ पोस्टर हटवा दिए हैं. और अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया है.

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हमें Bharat TV 24 नाम का एक यूट्यूब चैनल भी मिला जिसमें 12 अगस्त को इस घटना से जुड़ा वीडियो अपलोड किया गया था. इसमें बताया गया है कि भड़काऊ बयान वा लेये पोस्टर जिस स्कूल की बाउंड्रीवॉल पर लगाए गए हैं, वो विधायक राजा भैया का इंटर कॉलेज है.

हमें प्रतापगढ़ पुलिस के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर पुलिस द्वारा जारी बयान भी मिला. जिसमें बताया गया है कि प्रतापगढ़ के कुंडा कस्बे में कुछ शरारती तत्वों ने आपत्तिजनक होर्डिंग लगाई थी, सूचना मिलने पर उन्हें हटवा दिया गया है. शरारती तत्वों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.

हमने संबंधित घटना के बारे में स्थानीय रिपोर्टर विवेक कुमार पांडेय से संपर्क किया, जिन्होंने पुष्टि करते हुए बताया कि ये मामला प्रतापगढ़ के कुंडा का ही है.

इसके अलावा, हमने प्रतापगढ़ एसएसपी सतपाल अंटिल भी संपर्क किया. उन्होंने भी इस मामले की पुष्टि की.

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हम इस मामले से जुड़ी जांच कर रहे हैं. हालांकि, अभी तक ये जानकारी नहीं मिल पाई है कि ये हरकत किसकी है.
सतपाल अंटिल, SSP प्रतापगढ़

मतलब साफ है कि उत्तर प्रदेश में प्रतापगढ़ के कुंडा में सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ने के मकसद से कुछ शरारती तत्वों ने होर्डिंग लगाईं थीं. इस मामले को गलत दावे से बंगाल का बता शेयर किया जा रहा है.

क्या इन नेताओं ने सच में ऐसे बयान दिए हैं?

नूरुर रहमान बरकती को छोड़कर हमें किसी दूसरे नेता के ऐसे बयानों से जुड़ी कोई भी न्यूज रिपोर्ट नहीं मिली.

बरकती ने गोहत्या पर बयान दिया था. 2012 में यूट्यूब पर अपलोड किए गए एक वीडियो के मुताबिक, बरकती ने कहा था, ''हम किसी सरकार से नहीं डरते. हम कुर्बानी देते हैं और अगर कोई आता है, तो उसे देख लेते हैं.'' उन्होंने आगे ये भी कहा था कि मुसलमान गाय लेकर जा रहे हैं, क्योंकि वो बेची जा रही हैं.

हालांकि, वायरल दावे में बरकती का हवाला देकर जो कुछ भी लिखा गया है वो उन्होंने नहीं बोला.

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वायरल फोटो में दिख रहे पोस्टर में उनके नाम से ये लिखा गया है, "मुसलमान किसी सरकार से नहीं डरते क्योंकि हमारी आबादी बढ़ी है. हम हिंदुओं की तरह बहस नहीं करते, हम सीधे काट देते हैं." यानी इतना हिस्सा अलग से जोड़कर उनके नाम से गलत दावा किया जा रहा है.

इसके अलावा, ये बयान सोशल मीडिया पर कई सालों से शेयर हो रहे हैं. इनके आर्काइव आप यहां, यहां, यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.

Statesman की रिपोर्ट के मुताबिक, आजम खान ने 2013 में कहा था कि उनके नाम पर वायरल किए जा रहे झूठे बयान के जरिए उनकी धर्मनिरपेक्ष छवि को धूमिल करने की कोशिश की जा रही है.

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