सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है,जिसमें पुलिस कुछ लोगों की पिटाई कर उन्हें गिरफ्तार करती दिख रही है. वीडियो में देखा जा सकता है कि कई लोगों को पुलिस घर से निकालकर भी पीट रही है. वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि असम (Assam) में कुछ मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अलग देश की मांग की, इसलिए उjनके साथ ऐसा किया जा रहा है.
हमारी पड़ताल में ये दावा गलत निकला. वीडियो 6 अप्रैल, 2020 का है, जब कोरोना लॉकडाउन के दौरान उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh) के बरेली में कथित तौर पर 2 पुलिसकर्मियों पर हमला हो गया था. पुलिस पर हमले के बाद बरेली के करमपुर गांव में पुलिस कुछ लोगों को गिरफ्तार करके ले गई थी. वीडियो उसी वक्त का है.
पिछले हफ्ते इसी वीडियो को एक अलग साम्प्रदायिक दावे से भी शेयर किया जा चुका है. दावा किया जा रहा था कि यूपी के सहारनपुर में ''अल्लाहु अकबर'' नारा लगाने के बाद पुलिस ने लोगों के साथ ऐसा किया.
दावा
वीडियो के साथ शेयर किया जा रहा कैप्शन है आसाम में मुसलमानों ने अलग देश बनाने के लिए जुलूस निकाला, फिर उनका हाल देखिए...आसाम के मुख्यमंत्री योगी से भी दो कदम आगे है--हेमंता बिस्वसरमा
पड़ताल में हमने क्या पाया
वायरल वीडियो को गूगल के इनविड एक्सटेंशन के जरिए अलग-अलग कीफ्रेम्स में बांटने के बाद हमने हर फ्रेम को रिवर्स इमेज सर्च करके देखा, जिससे पता चल सके कि कहीं ये वीडियो पुराना तो नहीं? हमें यूट्यूब चैनल 'Gazab Samachar' पर 6 अप्रैल 2020 को अपलोड किया गया यही वीडियो मिला.
वीडियो के डिस्क्रिप्शन में बताया गया है कि ये मामला उत्तरप्रदेश के बरेली जिले में स्थित करमपुर चौधरी गांव का है.
यूट्यूब वीडियो के डिस्क्रिप्शन से अंदाजा लेकर हमने मामले से जुड़े कुछ कीवर्ड्स गूगल पर सर्च किए. हमें इस मामले से जुड़ी कई मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं. द क्विंट की 12 अप्रैल 2020 की रिपोर्ट के मुताबिक, बरेली के करमपुर चौधरी गांव में 6 अप्रैल, 2020 को 2 पुलिस कर्मी ये चेक करने पहुंचे की लॉकडाउन का पालन हो रहा है या नहीं.
इस दौरान ग्रामीणों और पुलिस के बीच कथित तौर पर टकराव हो गया था और कुछ ग्रामीणों ने इज्जतनगर पुलिस थाने को जलाने की धमकी दी थी.
मामले को लेकर बरेली (सिटी) के पुलिस अधीक्षक (SP) रविंद्र कुमार ने कहा था कि ''घटना के बाद पुलिस दोबारा गांव पहुंची और शासकीय काम में बाधा डालने के आरोप में कुछ लोगों पर धारा 144 के तहत कार्रवाई कर गिरफ्तार कर लिया गया था.''
द क्विंट की 2020 की स्टोरी के विजुअल्स को हमने वायरल वीडियो से मिलाकर देखा. जिससे पुष्टि हो सके कि दोनों एक ही घटनाएं हैं या नहीं.
NDTV इंडिया, न्यूज18 इंडिया पर भी हमें 6 अप्रैल, 2020 की इस घटना की रिपोर्ट्स मिलीं.
NDTV के मुताबिक इज्जतनगर में लॉकडाउन का पालन कराने पहुंची पुलिस टीम पर कथित हमले के आरोप में 42 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. इनमें से 150 लोगों पर FIR दर्ज हुई थी, FIR 150 लोगों पर दर्ज हुई थी. 2020 की इस रिपोर्ट के मुताबिक,पुलिस अधीक्षक रविंद्र कुमार ने कहा था, ''इन सभी पर पुलिस पर हमला करने और पुलिस पोस्ट को जलाने की कोशिश करने का आरोप था''
हमें हाल की ऐसी कोई मीडिया रिपोर्ट्स नहीं मिलीं, जिनसे पुष्टि होती हो कि असल में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अलग देश की मांग करते हुए प्रदर्शन किया.
पहले भी गलत दावे से वायरल हो चुका है यही वीडियो
ये पहला मौका नहीं है जब 2020 में लगे देशव्यापी लॉकडाउन के वक्त के इस वीडियो को गलत दावे से शेयर किया जा रहा है. कुछ दिन पहले भी इस वीडियो को साम्प्रदायिक दावे से शेयर किया गया था. दावा था कि सहारनपुर में अल्लाहु अकबर का नारा लगाने पर पुलिस ने मुस्लिम समुदाय के लोगों के साथ ऐसा किया. क्विंट की वेबकूफ टीम ने इस दावे की पड़ताल भी की थी.
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