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Atique Ahmed के वोट से बची थी UPA सरकार ? ये सच नहीं

भारत-अमेरिका परमाणु समझौते के बाद मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली UPA सरकार के खिलाफ लाया गया था अविश्वास प्रस्ताव

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कई मीडिया प्लेटफॉर्म्स ने दावा किया कि 2008 में UPA सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आने पर अतीक अहमद (Atique Ahmed) के वोट से कांग्रेस के नेतृत्व वाली UPA सरकार बची थी. ये दावा ऐसे वक्त पर किया जा रहा है जब 15 अप्रैल को पूर्व विधायक और माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की पुलिस हिरासत में गोली मारकर हत्या कर दी गई.

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किस-किसने किया ये दावा ? : कई हिंदी न्यूज वेबसाइट्स के सोशल मीडिया पोस्ट और रिपोर्ट्स में ये दावा किया गया. आज तक, नवभारत टाइम्स, जनसत्ता, दैनिक जागरण, न्यूज 18 हिंदी, जनसत्ता, अमर उजाला, एबीपी लाइव के सोशल मीडिया हैंडल्स और रिपोर्ट्स में ये दावा किया गया.

मीडिया प्लेटफॉर्म्स के सोशल मीडिया पोस्ट्स पर ये दावा स्वतंत्र रूप से किया गया है, जबकि रिपोर्ट्स के अंदर इस दावे का सोर्स लेखक राजेश सिंह की किताब Baahubalis of Indian Politics को बताया गया है. दैनिक जागरण ने तथ्यात्मक गलती स्वीकार करते हुए रिपोर्ट में बदलाव भी किया है.

(न्यूज वेबसाइट्स के दावे देखने के लिए दाईं और स्वाइप करें)

  • पोस्ट का अर्काइव यहां देखें

    सोर्स : स्क्रीनशॉट/फेसबुक/आज तक

क्या ये दावा सच है ? : नहीं, ये बात सच है कि 2008 में UPA सरकार को भारत-अमेरिका परमाणु समझौते के चलते भारी विरोध का सामना करना पड़ा था. नतीजतन सरकार को सदन में विश्वास मत का सामना करना पड़ा. बहुमत साबित करने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह विश्वास प्रस्ताव लाए, तो अतीक अहमद ने वोट भी किया, लेकिन अतीक ने सरकार के समर्थन में नहीं बल्कि विरोध में वोट किया था.

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हमने ये सच कैसे पता लगाया ? : हमने जुलाई 2008 में UPA सरकार के विश्वास मत से जुड़े दस्तावेज संसद की आधिकारिक डिजिटल लाइब्रेरी में खंगालने शुरू किए. 21 जुलाई 2008 को तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने संसद में विश्वास प्रस्ताव पेश किया था, इसका दस्तावेज लाइब्रेरी में उपलब्ध है. इसी दस्तावेज में बताया गया है कि किस सदस्य ने सरकार के पक्ष में वोट किया और किसने विपक्ष में. देखा जा सकता है कि 112वें पेज पर अतीक अहमद का नाम विपक्ष में वोट करने वालों में है.

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इंडियन एक्सप्रेस की 26 जुलाई 2008 की रिपोर्ट के मुताबिक, समाजवादी पार्टी (SP) ने उन 6 सांसदों को पार्टी से निकाला था, जिन्होंने विश्वास प्रस्ताव में UPA सरकार के खिलाफ वोट किया था. इन सांसदों में अतीक अहमद का भी नाम था. समाजवादी पार्टी के तत्कालीन जनरल सैक्रेटरी अमर सिंह का इस रिपोर्ट में बयान भी है, जिसमें उन्होंने कहा कि ''UPA सरकार को बड़े फैसलों में SP को शामिल करना चाहिए, लेकिन हम सिर्फ विरोध करने के लिए विरोध नहीं करेंगे''.

हिंदुस्तान टाइम्स की 23 जुलाई 2008 की रिपोर्ट में बताया गया है कि अमर सिंह पर बीजेपी नेताओं ने इस दौरान रिश्वत लेने के भी आरोप लगाए थे. हालांकि आखिरकार समाजवादी पार्टी कुल 39 सांसदों में से 33 वोट UPA के समर्थन में कराने में सफल रही.

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भारत - अमेरिका परमाणु समझौता : साल 2008 में भारत-अमेरिका परमाणु सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए गए. इस समझौते के तहत परमाणु आपूर्तिकर्त्ता समूह (NSG) की तरफ से भारत को एक खास छूट मिली. इस समझौते के बाद भारत एक दर्जन देशों के साथ सहयोग समझौतों पर हस्ताक्षर करने में सक्षम बना.

निष्कर्ष : न्यूज रिपोर्ट्स में किया गया ये दावा गलत है कि अतीक अहमद ने साल 2008 में UPA सरकार के समर्थन में वोट किया था.

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