सोशल मीडिया पर इजरायल (Israel) और हमास (Hamas) जंग से जोड़कर एक वीडियो वायरल हो रहा है. इसमें कई लोगों को हाथ में मशाल लेकर दौड़ते और इमारत को जलाने की कोशिश करते देखा जा सकता है.
क्या है दावा?: इस वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि बहरीन में इजरायली दूतावास को पर आग लगाते लोग दिख रहे हैं.
सच क्या है?: ये वीडियो इजरायल-हमास के बीच जारी जंग से संबंधित नहीं है.
ये वीडियो साल 2012 का है और बहरीन के शहर सीट्रा का है. तब कई लोगों ने यहां एक पुलिस स्टेशन में आग लगा दी थी.
हमने सच का पता कैसे लगाया?: हमने वीडियो के कई कीफ्रेम निकालकर उनमें से कुछ पर रिवर्स इमेज सर्च किया.
इससे हमें RevolutionBahrain नाम के एक यूट्यूब चैनल पर 30 दिसंबर 2012 को अपलोड किया गया यही वीडियो मिला. इसके टाइटल के मुताबिक बहरीन के सीट्रा में एक पुलिस स्टेशन को घेरकर उसमें आग लगा दी गई थी.
इस वीडियो के 59वें सेकेंड से वायरल वीडियो वाला हिस्सा देखा जा सकता है.
वीडियो डिस्क्रिप्शन के मुताबिक, ये हमला 3 नवंबर 2012 को हुआ था और प्रोफेसर हसन मुशैमा नाम के एक कैदी की "अल-खलीफिया जेल में तबीयत खराब होने" के बाद हुआ था.
कौन हैं हसन मुशैमा?: मुशैमा बहरीन में हक पार्टी से हैं और विपक्षी नेता हैं. उन्हें 2011 में उनकी ''शांतिपूर्ण विपक्षी गतिविधि'' के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी.
जेल में रहते हुए कैंसर उभरने की वजह से उनका स्वास्थ्य बार-बार खराब होता गया.
ह्यूमन राइट्स वॉच (HRW) के मुताबिक, मुशैमा के बेटे ने कहा था कि उनकी "लिंफोमा (कैंसर) की आखिरी स्क्रीनिंग 2018 में हुई थी".
उनके बेटे ने ये भी कहा था कि मुशैमा को जो बीमारियां पहले से थीं, उनका इलाज नहीं किया जा रहा है. साथ ही, उनकी देखभाल भी नहीं हो रही.
इजरायल-फिलिस्तीन युद्ध से जुड़ा अपडेट: तुर्की की न्यूज एजेंसी Anadolu Ajansı के मुताबिक, इजरायल ने 19 अक्टूबर को बहरीन, जॉर्डन और मोरक्को के दूतावासों से अपने अधिकारियों को निकालने का आदेशन दिया है.
रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायली ब्रॉडकास्टिंग अथॉरिटी के आधिकारिक बयान में कहा गया है कि दूतावासों से अधिकारियों को निकालने के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी गई है.
निष्कर्ष: साफ है कि 11 साल पहले बहरीन में घटी एक घटना का वीडियो हालिया इजरायल-हमास जंग से जोड़कर गलत दावे से शेयर किया जा रहा है.
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