दुर्गा पूजा के 10 दिनों के त्योहार के खत्म होने के बाद, उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में दुर्गा पूजा सेलिब्रेशन के बीच दो गुटों में झड़प का मामला सामने आया है.
दावा
राइट विंग वेबसाइट OpIndia और न्यूज ऑर्गनाइजेशन पंजाब केसरी के साथ-साथ कई मीडिया संस्थानों ने इस खबर को रिपोर्ट किया.
OpIndia और पंजाब केसरी ने बलरामपुर के एएसपी के हवाले से लिखा, 'विसर्जन झांकी में हमला तुरंत नहीं हो सकता था और हो सकता है कि मुस्लिम कम्युनिटी पत्थरों के साथ विसर्जन झांकी पर हमले के लिए पहले से तैयार रही हो.'
इसके बाद से ही ये वीडियो कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो गया है और काफी शेयर किया जा रहा है.
स्वराज्य मैगजीन की जर्नलिस्ट स्वाति गोयल शर्मा ने भी OpIndia की रिपोर्ट और वीडियो को शेयर किया.
OpIndia रिपोर्टर ने एएसपी के साथ अपनी बातचीत का ऑडियो भी रिलीज किया, जिसमें अफसर कहते सुने जा सकते हैं, 'वो म्यूजिक बजाते रहे, जिसके बाद विवाद हो गया. लोगों ने उन्हें समझाने की कोशिश की. वो लोग पहले से तैयार थे या जो भी था, उन्होंने पत्थरबाजी शुरू कर दी. सब कुछ काफी जल्गी हो गया, जिसके बाद मूर्ति को विसर्जन के लिए ले जाया गया.'
क्या है सच?
क्विंट ने बलरामपुर पुलिस के एएसपी से बात की और उन्होंने ऐसा बयान देने की बात को नकार दिया है. उन्होंने क्विंट को बताया कि ये घटना 8 अक्टूबर को बलरामपुर में हुई थी, जब दुर्गा पूजा विसर्जन की झांकी मस्जिद के सामने से गुजर रही थी.
एएसपी मिश्रा ने कहा, 'विसर्जन झांकी मस्जिद के सामने से गुजर रही थी और इस वक्त उन्हें म्यूजिक बंद करना था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. इससे मुस्लिम नाराज हो गए और दोनों समुदाय के बीच झड़प हो गई.' उन्होंने आगे कहा कि पुलिस ने इस मामले में अब तक 8 लोगों को गिरफ्तार किया है.
मिश्रा ने हिंसा के ‘पहले से प्लान’ होने से इनकार कर दिया है. क्विंट के पास FIR की कॉपी भी है, जिसमें साफ लिखा है कि मामला आईपीसी की धारा 147, 148 समेत कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.
पुलिस ने कहा है कि हालात अब काबू में हैं और इस मामले में जांच जारी है.
क्विंट से बात करने के बाद, बलरामपुर पुलिस ने अपने ट्विटर हैंडल पर सफाई भी लिखी.
क्विंट ने गुरुवार, 10 अक्टूबर को पुलिस अफसर से दोबारा बात की, जिन्होंने ऐसा कोई बयान देने से इनकार कर दिया.
पुलिस ने बलरामपुर अधीक्षक की बाइट भी शेयर की, जिसमें उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सभी कदम उठाए जा रहे हैं.
हमने एक लोकल जर्नलिस्ट से भी बात की, जिसने बताया कि दोनों कम्युनिटी के बीच विवाद तब शुरू हुआ जब विसर्जन झांकी में तेज म्यूजिक को बंद नहीं किया गया और मस्जिद पर रंग लगाया गया. हालांकि ये अब तक साफ नहीं हो पाया है कि ये झगड़ा किसकी तरफ से शुरू किया गया.
(OpIndia, और क्विंट की बलरामपुर एएसपी के साथ फोन पर बातचीत को शामिल करने के लिए कॉपी को अपडेट किया गया है.)
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