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गाजियाबाद में मुस्लिम बच्चे की पिटाई से जुड़ी नहीं है ये तस्वीर

सोशल मीडिया पर गलत दावे से वायरल हो रही ये फोटो भारत की नहीं बल्कि यमन की हैं.

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हाल ही में गाजियाबाद के एक मंदिर में पानी पीने गए एक बच्चे को बुरे तरीके से पीटते एक शख्स का वीडियो वायरल हुआ था. जिसके बाद पुलिस ने शख्स को गिरफ्तार कर लिया. इस खबर के आने के कुछ ही घंटो में सोशल मीडिया पर कई यूजर्स एक बच्चे की फोटो शेयर कर रहे हैं. और दावा कर रहे हैं कि फोटो में दिख रहा बच्चा गाजियाबाद का वही लड़का है . फोटो में एक लड़का दिख रहा है जिसकी पीठ पर चोट के कई निशान हैं.

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हालांकि, वेबकूफ टीम ने अपनी पड़ताल में पाया कि ये फोटो गाजियाबाद के उस लड़के की नहीं बल्कि यमन के अल-महवित प्रांत के एक बच्चे की है. जिसे उसके पिता ने काफी पुरी तरह से पीटा था. ये फोटो करीब 1 साल पुरानी है जिसे गाजियाबाद की घटना वाले लड़के से जोड़कर सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है.

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दावा

सोशल मीडिया पर कई यूजर्स इन फोटो को इस दावे से शेयर कर रहे हैं कि ये फोटो उस लड़के की है जिसकी गाजियाबाद में बेहरहमी से पिटाई की गई थी.

सोशल मीडिया पर गलत दावे से वायरल हो रही ये फोटो भारत की नहीं बल्कि यमन की हैं.
पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें
(सोर्स: स्क्रीनशॉट/फेसबुक)
सोशल मीडिया पर गलत दावे से वायरल हो रही ये फोटो भारत की नहीं बल्कि यमन की हैं.
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(सोर्स: स्क्रीनशॉट/फेसबुक)

दूसरे सोशल मीडिया यूजर्स ने इस फोटो को इस कैप्शन के साथ शेयर किया है, ‘’&*&* जो तुम्हारे साथ हुआ भूलने लायक नहीं है। हम माफ नहीं कर पाएंगे कभी जिस सिस्टम ने ये निशान दिए! आओ इसका इलाज करते हैं!’’

सोशल मीडिया पर गलत दावे से वायरल हो रही ये फोटो भारत की नहीं बल्कि यमन की हैं.
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(सोर्स: स्क्रीनशॉट/ट्विटर)
सोशल मीडिया पर गलत दावे से वायरल हो रही ये फोटो भारत की नहीं बल्कि यमन की हैं.
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(सोर्स: स्क्रीनशॉट/ट्विटर)

पड़ताल में हमने क्या पाया

दोनों वायरल फोटो को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें khabaragency नाम की वेबसाइट का एक आर्टिकल मिला. जिसमें 4 अक्टूबर 2020 को ये रिपोर्ट प्रकाशित की गई थी. इस रिपोर्ट का शीर्षक था, ''अल महवित..एक बच्चे को उसे पिता ने बुरी तरह से पीटा.

सोशल मीडिया पर गलत दावे से वायरल हो रही ये फोटो भारत की नहीं बल्कि यमन की हैं.
यमन के अल महवित प्रांत की है ये फोटो
(फोटो: स्क्रीनशॉट/khabaragency)

रिपोर्ट में बताया गया था कि शामाख रशीद नाम के बच्चे को उसके पिता ने बच्चे की सौतेली मां के कहने पर पीटा. रिपोर्ट में कुछ प्रत्यक्षदर्शियों का हवाला देकर ये लिखा गया है कि पिता बच्चे को हूथी आंदोलन में शामिल होने के लिए कह रहा था लेकिन उसने मना कर दिया. इसलिए पिता ने बच्चे को पुरी तरह से पीटा.

हमें एक और वेबसाइट sahafah24 पर इस घटना से जुड़ी एक रिपोर्ट मिली. जिसमें इन फोटो को देखा जा सकता है.

हमने रिपोर्ट से जुड़े संबंधित कीवर्ड सर्च करके देखा. हमें एक अन्य अरबी वेबसाइट में प्रकाशित रिपोर्ट मिली. जिसमें ऊपर बताई गई जानकारी के साथ-साथ बताया गया था कि पिता को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.

सोशल मीडिया पर गलत दावे से वायरल हो रही ये फोटो भारत की नहीं बल्कि यमन की हैं.
यमन के अल महवित प्रांत की है ये फोटो
(फोटो: स्क्रीनशॉट/adengulfnews)

इसके अलावा, कई सोशल मीडिया यूजर्स के अक्टूबर 2020 के ट्वीट्स भी मिले जिनमें इस खबर से संबंधित ट्वीट किए गए थे. जिनमें इस बात का जिक्र था कि यमन में एक पिता ने अपने बच्चे को पीटा.

क्या है ये मामला?

11 मार्च को गाजियाबाद में एक मुस्लिम बच्चे को मंदिर में पानी पीने गया था, जिसे श्रृंगी नंदन यादव नाम के शख्स ने बुरी तरह से पीटा. वीडियो वायरल होने के बाद इस शख्स को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था.

वायरल वीडियो में पहले श्रृंगी नंदन बच्चे से उसके पिता और उसका नाम पूछता है. इसके बाद बच्चे से पूछा जाता है कि वो मंदिर में क्यों आया. जवाब में बच्चा कहता है- पानी पीने के लिए. इतना कहते ही श्रृंगी नंदन बच्चे को बुरे तरीके से लात-घूंसों से पीटना शुरू कर देता है. इस वीडियो के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने अपनी प्रतिक्रिया दी है और इससे जुड़े हैशटैग भी शेयर हो रहे थे .

सोशल मीडिया पर वायरल ये तस्वीरें करीब 1 साल पुरानी यानी अक्टूबर 2020 की हैं. जबकि ये घटना 11 मार्च 2021 को हुई.

मतलब साफ है कि यमन के अल महवित प्रांत की पुरानी तस्वीर को हाल का बताकर सोशल मीडिया पर इस गलत दावे से शेयर की जा रही हैं कि ये तस्वीरें गाजियाबाद में पीटे गए बच्चे की चोट की तस्वीरें हैं.

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