दावा
WhatsApp पर एक अखबार की फोटो शेयर की जा रही है, जिसमें दावा किया गया है कि बिहार के स्वास्थ्य विभाग ने ये कंफर्म किया है कि पोल्ट्री चिकन कोरोना वायरस का सोर्स हैं. इसकी हेडलाइन है, "बिहार स्वास्थ्य विभाह ने पोल्ट्री मुर्गी को पुन: जांच कर कोरोना वायरस पुष्टि की है."
अखबार की फोटो के ऊपर की तरफ 'दैनिक जागर' लिखा हुआ देखा जा सकता है, जो इस तरफ इशारा कर रहा है कि ये राष्ट्रीय अखबार में 12 अप्रैल को पब्लिश हुआ था. फोटो में तारीख 12 अप्रैल लिखी है.
सच या झूठ?
वायरल हो रही फोटो में कोई सच्चाई नहीं है. पहला, ये क्लिप फेक है और किसी ऑनलाइन टूल के जरिए बनाई गई लगती है. दूसरा, बिहार स्वास्थ्य विभाग ने कंफर्म किया है कि ऐसी कोई जानकारी नहीं दी गई है.
क्या है सच्चाई?
WhatsApp पर शेयर की जा रही अखबार की इस क्लिप को सही से देखने के बाद, हमने नोटिस किया कि ये दैनिक जागरण अखबार से एकदम नहीं मिलती.
अगर आप ऊपर मास्टहेड और डेटलाइन पर गौर करेंगे, तो आपको बड़ा अंतर दिखाई देगा.
हमने 12 अप्रैल को पब्लिश हुआ दैनिक जागरण का ई-पेपर भी चेक किया, लेकिन उसमें ऐसी कोई न्यूज रिपोर्ट नहीं मिली. इसके अलावा, बिहार स्वास्थ्य विभाग ने भी फेसबुक पर सफाई देते हुए कहा हगै कि ये खबर फर्जी है और विभाग इसका खंडन करता है.
(जबसे ये महामारी फैली है, इंटरनेट पर बहुत सी झूठी बातें तैर रही हैं. क्विंट लगातार ऐसी झूठ और भ्रामक बातों की सच उजागर कर रहा है. आप यहां हमारे फैक्ट चेक स्टोरीज पढ़ सकते हैं.)
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)