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बाइक पर महिला का शव ले जाते पिता-पुत्र की ये फोटो न तो हाल की है और न ही यूपी की

मोटरसाइकिल पर बुजुर्ग महिला का शव ले जाते पिता-पुत्र की ये फोटो बिहार के पूर्णिया जिले की है और 2017 की है.

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सोशल मीडिया पर मोटरसाइकिल पर सवार दो लोगों की एक फोटो शेयर की जा रही है, जिन्होंने बीच में एक महिला के शव को बिठाकर रखा हुआ है. इसे शेयर कर दावा किया जा रहा है कि ये फोटो उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की स्थिति को दिखाती है, जहां महिला के शव को मोटरसाइकिल पर इसलिए ले जा रहे हैं, क्योंकि उन्हें एंबुलेंस नहीं मिली.

यूपी में 10 फरवरी से चुनाव शुरू होने वाले हैं. ऐसे में ये दावा वायरल हो रहा है.

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हालांकि, हमने पाया कि ये फोटो न तो हाल की है और न ही उत्तर प्रदेश की है. ये फोटो 5 साल पुरानी है और बिहार के पूर्णिया की है, जहां एक महिला के शव को अंतिम संस्कार के लिए मोटरसाइकिल में इसलिए ले जाना पड़ा, क्योंकि उन्हें शव ले जाने वाली वैन देने से इनकार कर दिया गया था.

दावा

वायरल फोटो में ये टेक्स्ट लिखा हुआ है, ''योगी आदित्यनाथ के उत्तर प्रदेश में, एंबुलेंस न मिलने के कारण शव को मोटरसाइकिल पर ले जाते हुए पिता पुत्र''.

पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें

(सोर्स: स्क्रीनशॉट/ट्विटर)

ये पोस्ट 2021 में भी इसी दावे से शेयर की गई थी.

सोशल मीडिया पर किए गए ऐसे ही और दावों के आर्काइव आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.

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पड़ताल में हमने क्या पाया

सबसे पहले, हमने टेक्स्ट को छोड़कर फोटो को क्रॉप किया और फिर उस पर रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें 2017 की कई ऐसी रिपोर्ट्स मिलीं, जिनमें इसी वायरल तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था.

हमें Hindustan Times पर जून 2017 को पब्लिश एक आर्टिकल मिला, जिसमें बिहार के पूर्णिया की इस घटना पर बारे में बताया गया था.

ये स्टोरी 2017 में पब्लिश हुई थी.

(सोर्स: Hindustan Times/Altered by The Quint)

रिपोर्ट के मुताबिक फोटो में दिख रहा बुजुर्ग पूर्णिया का एक गरीब मजदूर शकर साह है, जिसे जिले के सरकारी अस्पताल की ओर से कहा गया था कि वो अपनी मृतक पत्नी का शव घर ले जाने की व्यवस्था कर ले.

साह प्राइवेट एंबुलेंस का खर्च नहीं उठा सकता था. इसलिए, अपने बेटे पप्पू के साथ शव को मोटरसाइकिल में घर ले गया.

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Indian Express की रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्णिया के सिविल सर्जन एमएम वसीम ने इस घटना को "दुर्भाग्यपूर्ण" बताया था. उन्होंने कहा था कि जिले के सदर अस्पताल में मोर्चरी वैन नहीं थी, इसलिए हर किसी से अपनी व्यवस्था करने के लिए कहा गया था.

क्विंट ने 2017 में बिहार और ओडिशा में इस तरह के कई मामलों में रिपोर्ट पब्लिश की थी. आप यहां रिपोर्ट देख सकते हैं.

मतलब साफ है, बिहार की करीब 5 साल पुरानी फोटो को यूपी की बता इस गलत दावे से शेयर किया जा रहा है कि फोटो में योगी आदित्यनाथ की सरकार में यूपी की स्थिति दिख रही है.

(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर 9643651818 या फिर मेल आइडी WEBQOOF@THEQUINT.COM पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं )

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