ADVERTISEMENTREMOVE AD

BJP MLA के हिरण का शिकार करने का वीडियो फेक,बांग्लादेश का वीडियो

असल में अनिल उपाध्याय नाम से कोई बीजेपी विधायक है ही नहीं, ये एक काल्पनिक पात्र है

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि बीजेपी विधायक अनिल उपाध्याय ने शिकार सीखते वक्त एक हिरण को मार गिराया. हमारी पड़ताल में सामने आया कि वायरल हो रहा वीडियो साल 2015 का है और बांग्लादेश का है. वीडियो में दिख रहा शख्स मोइन उद्दीन है. इसका अलावा असलियत में अनिल उपाध्याय नाम का कोई शख्स बीजेपी नेता या विधायक नहीं है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

दावा

सोशल मीडिया पर वीडियो के साथ शेयर किया जा रहा कैप्शन है -

सलमान खान अभी भी हिरणों के शिकार के लिए अदालतों का चक्कर लगा रहे हैं।,लेकिन बीजेपी के इस विधायक अनिल उपाध्याय एक पार्क में हिरण को गोली मारकर शिकार करना सीख रहे हैं। इसे वायरल करें और अदालत उसे सजा दे।

असल में अनिल उपाध्याय नाम से कोई बीजेपी विधायक है ही नहीं, ये एक काल्पनिक पात्र है
पोस्ट का अर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें
सोर्स : स्क्रीनशॉट/फेसबुक

कई सोशल मीडिया यूजर्स ने फेसबुक और ट्विटर पर वीडियो को इसी दावे के साथ शेयर किया. ऐसे पोस्ट्स का अर्काइव यहां, यहां और यहां देखा जा सकता है. क्विंट की वॉट्सएप टिपलाइन पर भी ये वीडियो पड़ताल के लिए भेजा गया.

0

पड़ताल में हमने क्या पाया

वायरल वीडियो को अलग-अलग कीफ्रेम्स में बांटकर Yandex पर रिवर्स सर्च करने से हमें साल 2019 के एक ट्वीट में वीडियो से मिलते-जुलते विजुअल मिले. पत्रकार नोलन पिंटो ने इस ट्वीट के रिप्लाय में बताया है कि विजुअल बांग्लादेश के हैं .

असल में अनिल उपाध्याय नाम से कोई बीजेपी विधायक है ही नहीं, ये एक काल्पनिक पात्र है

हमें भारतीय विदेश सेवा (IFS) अधिकारी प्रवीण कासवान का अक्टूबर 2019 में दिया गया एक स्पष्टीकरण भी मिला. इसमें प्रवीण ने बताया है कि वीडियो बांग्लादेश का है. वीडियो में दिख रहे शख्स की पहचान मोइन उद्दीन के रूप में हुई है. ये घटना बांग्लादेश के चटगांव में हुई थी.

असल में अनिल उपाध्याय नाम से कोई बीजेपी विधायक है ही नहीं, ये एक काल्पनिक पात्र है
ADVERTISEMENTREMOVE AD

इस मामले की रिपोर्ट्स सर्च करने पर हमें बांग्लादेशी अखबार The Daily Star का एक आर्टिकल मिला. जुलाई 2015 की इस रिपोर्ट में बताया गया है कि मामला जून के आखिरी सप्ताह का है. साथ ही ये भी बताया गया है कि वीडियो सबसे पहले जुलाई 2015 में अपलोड किया गया.

जुलाई 2015 में ही छपी मामले की फॉलोअप रिपोर्ट में बताया गया है कि फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने मोइन उद्दीन के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है.

द क्विंट की वेबकूफ टीम ने 2019 में वायरल वीडियो को लेकर किए जा रहे दावों की पड़ताल की थी. उस समय वीडियो को पश्चिम बंगाल का बताकर गलत दावे से शेयर किया गया था.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

कौन हैं अनिल उपाध्याय?

हमने MYNETA वेबसाइट पर अनिल उपाध्याय नाम के नेता से जुड़ी डिटेल्स सर्च कीं. बीजेपी से जुड़े इस नाम के किसी नेता की डिटेल्स हमें यहां नहीं मिलीं. अनिल उपाध्याय नाम के तीन नेताओं की डिटेल्स हमारे सामने आईं. जिनमें से दो निर्दलीय और एक बीएसपी से ताल्लुक रखते हैं.

असल में अनिल उपाध्याय नाम से कोई बीजेपी विधायक है ही नहीं, ये एक काल्पनिक पात्र है

सिर्फ इस वीडियो को ही अनिल उपाध्याय नाम के काल्पनिक बीजेपी विधायक का बताकर शेयर नहीं किया गया. पहले भी इस नाम से कई भ्रामक दावे सोशल मीडिया पर किए जाते रहे हैं. कई दावो में अनिल उपाध्याय को कांग्रेस विधायक भी बताया गया है.

मतलब साफ है सोशल मीडिया पर किया जाज रहा ये दावा झूठा है कि वायरल वीडियो में हिरणा का शिकार करते शख्स बीजेपी नेता ‘अनिल उपाध्याय’ हैं.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें