ADVERTISEMENTREMOVE AD

ये CISF जवान बंगाल में हुई हिंसा में नहीं हुआ घायल, झूठा है दावा

वायरल फोटो में दिख रहे घायल जवान पर लंगूरों ने हमला कर कर दिया था.

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

एक घायल सीआईएसएफ कर्मी की फोटो सोशल मीडिया पर काफी शेयर की जा रही है. इसे इस दावे से शेयर किया जा रहा है कि पश्चिम बंगाल में 10 अप्रैल, शनिवार को चौथे चरण के मतदान के दौरान इस जवान को चोट लगी. इस फोटो को इसी दावे के साथ बीजेपी के नेताओं ने भी शेयर किया है.

हालांकि, हमने पड़ताल में पाया कि ये फोटो झारखंड की है. जहां एएसआई एसपी शर्मा सीआईएसएफ कैंप में ड्यूटी पर तैनात थे और उन पर लंगूरों ने हमला किया था.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

दावा

बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने इस घायल ऑफिसर की फोटो को शेयर करते हुए दावा किया कि चौथे चरण के मतदान के दौरान, टीएमसी के उपद्रवियों ने ''सीआईएसएफ अधिकारी'' पर हमला किया और उनकी बंदूक छीनने की कोशिश की. एक जवान गंभीर रूप से घायल हो गया.''

(नोट: नीचे लिंक में दी गई तस्वीरें आपको विचलित कर सकती हैं.)

इस दावे को बीजेपी के सौमित्र खान के और उनके 40,000 फॉलोवर्स ने भी शेयर किया है. इसके अलावा, इस फोटो को मेजर सुरेंद्र पुनिया ने भी शेयर किया है. उनकी पोस्ट का आर्काइव आप यहां देख सकते हैं. (इस तरह के पोस्ट के और भी आर्काइव आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.)

पड़ताल में हमने क्या पाया

हमने वायरल फोटो को रिवर्स इमेज सर्च करके देखा. हमें Dainik Jagran का 10 अप्रैल को प्रकाशित एक आर्टिकल मिला.

इस आर्टिकल में वायरल फोटो का इस्तेमाल किया गया था और बताया गया था कि झारखंड में धनबाद के बाघमारा में सीआइएसएफ कैंप में ड्यूटी पर तैनात एएसआई एसपी शर्मा पर शुक्रवार रात लंगूर ने हमला कर जख्मी कर दिया. ये घटना शुक्रवार, 9 अप्रैल को हुई.

सीआईएसएफ के सूत्रों ने वेबकूफ टीम को बताया कि एएसआई पर लंगूर के हमले की घटना 9 अप्रैल को बीसीसीएल धनबाद में हुई. और इस घटना का पश्चिम बंगाल में हुई घटना से कोई लेना-देना नहीं है.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

सीतलकुची में शनिवार को कथित तौर पर हमले के बाद केंद्रीय बलों की ओर से की गई फायरिंग में कम से कम चार लोगों की मौत हुई थी. टीएमसी की ओर से दावा किया गया है कि जिन लोगों की गोली मारकर हत्या की गई वे उसके कार्यकर्ता थे.

कूच बिहार के एसपी ने शनिवार को बयान दिया कि सीआईएसएफ की ओर से आत्मरक्षा में फायरिंग की गई थी. उन्होंने बताया कि एक शख्स बेहोश हो गया था और बूथ के सामने ही उसका इलाज किया जा रहा था, लेकिन गांववालों को ऐसा लगा कि उसे सीआईएसएफ वालों ने उसे मारा-पीटा है.

ये बात फैल गई और करीब 300 से 350 लोगों ने कथिर तौर पर सीआईएसएफ के जवानों पर हमला कर दिया और उनकी राइफल छीनने की कोशिश की और हाथ से बनाए गए हथियारों का इस्तेमाल किया.

उन्होंने बताया कि गांववाले सीआईएसएफ के जवानों के साथ हाथपाई करने लगे. इसके बाद फायरिंग की गई. एसपी ने पुष्टि की कि अब तक 4 लोगों की मौत हो चुकी है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×