प्रधानमंत्री Narendra Modi ने 6 अगस्त को राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार रखे जाने का ऐलान किया. सोशल मीडिया पर कई नेताओं ने पीएम मोदी के इस फैसले का धन्यवाद देते हुए एक ग्राफिक शेयर किया, जिसमें पीएम और 'मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार' की फोटो थी. हालांकि जब हमने इस फोटो की पड़ताल की तो पता चला कि असल में ये खेल रत्न पुरस्कार की नहीं बल्कि ''परमवीर चक्र'' की फोटो है. परमवीर चक्र देश का सर्वोच्च सेना मेडल है.
दावा
मेडल की ये फोटो कई मीडिया आउटलेट्स और बीजेपी नेताओं के सोशल मीडिया हैंडल्स से शेयर हुई. इनमें से ही एक पोस्ट बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा का था.
यही फोटो पूर्व शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, लोकसभा सांसद सत्यदेव पचौरी और बी.वाय राघवेंद्र, बीजेपी विधायक अभिजीत सिंह सांगा और तमिलनाडु बीजेपी प्रमुख के अन्नामलई ने शेयर की.
पड़ताल में हमने क्या पाया
कई अन्य ट्विटर यूजर्स ने भी ये कहा कि ये फोटो खेल रत्न नहीं परमवीर चक्र की है.
हमने गूगल पर परमवीर चक्र की तस्वीरें सर्च की. भारतीय वायुसेना की वेबसाइट पर हमें मेडल की फोटो मिली. साफ हो रहा है कि वायरल हो रही तस्वीर परमवीर चक्र की ही है.
हमें रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट पर भी गैलेंट्री अवॉर्ड्स की लिस्ट में ''परमवीर चक्र'' मेडल की फोटो मिली. अब हमने गूगल पर राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार की तस्वीर सर्च की, गेटी इमेजेस की वेबसाइट पर 2012 की एक तस्वीर हमें मिली. जहां रेसलर योगेश्वर दत्त मेडल हाथ में लिए हुए हैं.
देखा जा सकता है कि खेल रत्न पुरस्कार, परमवीर चक्र से बिल्कुल अलग है.
मतलब साफ है कि परमवीर चक्र की फोटो सोशल मीडिया पर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार की बताकर शेयर की जा रही है.
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