भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद मनोज तिवारी की एक फोटो सोशल मीडिया पर इस दावे से वायरल हो रही है कि उन्हें पीटा गया है. फोटो में मनोज तिवारी (Manoj Twari) अस्पताल के बेड में लेटे नजर आ रहे हैं.
हालांकि, हमने पाया कि ये दावा झूठा है. छठ पूजा पर दिल्ली सरकार ने सार्वजनिक जगहों पर महामारी की वजह से बैन लगा दिया था, जिसके विरोध में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया था. इस प्रदर्शन में शामिल मनोज तिवारी पुलिस बैरिकेड पार करने की कोशिश कर रहे थे और पुलिस ने पानी की बौछार कर दी जिसकी चपेट में आए मनोज तिवारी घायल हो गए.
पड़ताल में हमने क्या पाया
हमने जरूरी कीवर्ड इस्तेमाल कर रिपोर्ट सर्च कीं. हमें Hindustan Times पर 13 अक्टूबर को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली, जिसके मुताबिक मनोज तिवारी दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर छठ पूजा पर लगे प्रतिबंध को लेकर किए गए एक प्रदर्शन के दौरान चोटिल हो गए थे. सरकार ने कोविड-19 की वजह से सार्वजनिक जगहों पर छठ पूजा पर प्रतिबंध लगा दिया था.
क्विंट ने भी 12 अक्टूबर को इस न्यूज को कवर किया था. क्विंट की रिपोर्ट के मुताबिक, मनोज तिवारी दिल्ली में एक प्रदर्शन के दौरान पानी की बौछार की चपेट में आकर घायल हो गए थे. उन्हें सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया.
हमें मनोज तिवारी के ट्विटर हैंडल पर 12 अक्टूबर 2021 का एक ट्वीट मिला, जिसमें उन्होंने सफदरजंग अस्पताल से एक वीडियो जारी किया था. वीडियो में उन्हें ये कहते हुए सुना जा सकता है कि वो ठीक हैं. वीडियो में उन्होंने लोगों से छठ पूजा समारोह के बारे में अफवाह न फैलाने का भी आग्रह किया.
बीजेपी सांसद ने कहा, ''मैं ठीक हूं और खतरे से बाहर हूं. आप सब धैर्य से काम लें. हम सभी छठ पूजा मनाना चाहते हैं. कोई अफवाह नहीं फैलनी चाहिए. हमारी छठ मां की पूजा की अनुमति की मांग जारी रहेगी.''
हमने दिल्ली बीजेपी के पूर्व मीडिया रिलेशंस हेड नीलकांत बख्शी से भी संपर्क किया. उन्होंने क्विंट को बताया कि उनकी पिटाई का दावा निराधार है. मनोज तिवारी दिल्ली के सीएम आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन करते समय पुलिस बैरिकेड्स से गिरकर घायल हुए थे.
मतलब साफ है बैरिकेड्स से गिरने के बाद घायल हुए मनोज तिवारी की फोटो सोशल मीडिया पर इस झूठे दावे से शेयर किया जा रहा है कि उन्हें पीटा गया है.
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