कर्नाटक विधानसभा चुनाव (Karnataka Elections 2023) से जोड़कर सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है. वीडियो में गुलाबी गमछा पहने कुछ लोग केसरिया गमछा पहने लोगों को दौड़ाकर पीट रहे हैं हैं.
क्या है दावा?: वीडियो शेयर कर कैप्शन में लिखा गया है, ''BJP के कार्यकर्ताओं को ग्रामीणों ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा #कर्नाटक का विडियो बताया जा रहा है वायरल''.
सच क्या है?: वीडियो कर्नाटक का नहीं तेलंगाना का है और पुराना है.
वीडियो फरवरी 2022 है जिसमें तेलंगाना के जनगांव में तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) के कार्यकर्ताओं को बीजेपी कार्यकर्ताओं का पीछा करते और पिटाई करते देखा जा सकता है.
तब टीआरएस कार्यकर्ताओं ने पीएम नरेंद्र मोदी का पुतला जलाने की कोशिश की थी, जिसका विरोध बीजेपी कार्यकर्ताओं ने किया था.
हमने सच का पता कैसे लगाया?: वीडियो वेरिफिकेशन टूल InVID का इस्तेमाल कर हमने वीडियो के कई कीफ्रेम निकाले और उनमें से कुछ पर रिवर्स इमेज सर्च किया.
हमें 11 फरवरी 2022 का एक ट्वीट मिला. जिसमें ऐसा ही एक वीडियो इस्तेमाल किया गया था.वीडियो कैप्शन तमिल में था, जिसका हिंदी अनुवाद कुछ यूं होगा, ''तेलंगाना में अगली घटना''.
वीडियो में जिनकी पिटाई हो रही है वो बीजेपी का गमछा डाले हुए दिख रहे हैं, वहीं जो दौड़ाकर पीटते नजर आ रहे हैं वो गुलाबी स्कार्फ पहने हुए हैं.
हमने ऊपर वाले ट्वीट से मिली जानकारी और गमछे के कलर से अंदाजा लेकर तेलंगाना में हुई ऐसी किसी घटना से जुड़ी रिपोर्ट्स चेक कीं.
हमें 10 फरवरी 2022 की Times of India पर छपी एक रिपोर्ट मिली. जिसमें वायरल वीडियो से मिलता-जुलता एक वीडियो भी इस्तेमाल किया गया था.
रिपोर्ट के मुताबिक, तेलंगाना राज्य के गठन पर पीएम नरेंद्र मोदी पर टिप्पणी के विरोध में टीआरएस ने राज्यभर में प्रदर्शन किए थे. इस विरोध में पार्टी नेता भी शामिल हुए थे.
रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि कथित तौर पर बीजेपी कार्यकर्ताओं और टीआरएस कार्यकर्ताओं में तब झड़प हो गई जब पीएम मोदी का पुतला जलाने की कोशिश की गई.
न्यूज रिपोर्ट्स: हमें मामले से जुड़ी और भी न्यूज रिपोर्ट्स मिलीं जो ABP Live और New Indian Express में छपी थीं. इन रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये घटना तेलंगाना के जनगांव में हुई थी. जो आंध्र प्रदेश से तेलंगाना के विभाजन को लेकर पीएम मोदी की टिप्पणी के बाद हुई.
पीएम मोदी ने क्या कहा था?: प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि 2014 में तेलंगाना बनने की प्रक्रिया लोकतांत्रिक नहीं थी. ये फैसला बंद दरवाजों के पीछे लिया गया जिसमें लोगों से कोई चर्चा नहीं की गई.
पीएम मोदी का बयान इस वीडियो में 1:01:43 मिनट के बाद देखा जा सकता है.
TOI के वीडियो और वायरल वीडियो में समानता नीचे देखी जा सकती है.
(और भी समानताएं देखने के लिए बाईं ओर स्वाइप करें)
इसके अलावा, हमें वायरल वीडियो वाला हिस्सा One India के वेरिफाइड यूट्यूब हैंडल पर भी मिला, जिसे 10 फरवरी 2022 को अपलोड किया गया था.
निष्कर्ष: साफ है कि तेलंगाना में करीब डेढ़ साल पहले बीजेपी और टीआरएस कार्यकर्ताओं के बीच झड़प का वीडियो कर्नाटक चुनाव से जोड़कर गलत दावे से शेयर किया जा रहा है.
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