सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि चंडीगढ़ के नगर निगम चुनाव में बीजेपी किसान आंदोलन के बावजूद बहुमत से जीत हासिल करने में कामयाब रही. दावा है कि बीजेपी को 26 में से 20 सीटों पर जीत मिली.
हालांकि, चुनाव के ये परिणाम 2016 के हैं यानी 4 साल से भी ज्यादा पुराने. चंडीगढ़ नगर निगम के 2021 में होने वाले चुनाव अब तक नही हुए. है. 8 जनवरी को चंडीगढ़ में महापौर चुना गया था, क्योंकि चंडीगढ़ में महापौर हर साल चुना जाता है.
दावा
फिल्ममेकर अशोक पंडित ने ट्विटर पर मैसेज शेयर कर दावा किया कि चंडीगढ़ चुनाव में बीजेपी किसान आंदोलन के बीच बहुमत हासिल करने में कामयाब हो गई है.
पड़ताल में हमने क्या पाया
भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी रवि कांत शर्मा 8 जनवरी को चंडीगढ़ के महापौर चुने गए.उन्हें नगर निगम सदस्यों के 24 में से 17 वोट मिले. वहीं कांग्रेस के देविंदर सिंह बबला को केवल 5 वोट मिले.
नगर निगम के कुल 27 सदस्यों में से किरण खैर ( बीजेपी), हीरा नेगी और हरदीप सिंह ने वोट नहींं दिया था. सोशल मीडिया पर किया जा रहा ये दावा झूठा है कि किसान आंदोलन के बावजूद चंडीगढ़ नगर निगम के 2021 चुनावों में बीजेपी बहुमत से जीती है.
2021 के बताए जा रहे चुनाव नतीजे 2016 के हैं
पंजाब म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन एक्ट 1976 के मुताबिक हर साल महापौर चुना जाता है. जबकि चुनाव 5 साल में एक बार ही होते हैं.
हमने 2011 और 2016 के चुनाव परिणाम चंडीगढ़ नगर निगम की ऑफिशियल वेबसाइट पर देखे. 2016 में बीजेपी 26 में से 20 सीटें जीती थी. वहीं कांग्रेस को 4 और शिरोमणि अकाली दल को 1 सीट मिली थी.
मतलब साफ है कि 2016 के चुनाव नतीजों को हाल का बताकर किसान आंदोलन से जोड़कर शेयर किया जा रहा है.
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