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दिल्ली में बुलडोजर चलने का वीडियो बहराइच हिंसा से जोड़कर वायरल

तुगलकाबाद इलाके में 30 अप्रैल 2023 को बुलडोजर की कार्रवाई की गई थी.

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बहराइच में दुर्गा विसर्जन के जुलुस के द्वौरान हुई हिंसा को लेकर अलग-अलग तरह के दावे सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे हैं. ऐसे में कुछ झूठे और भ्रामक दावे भो वायरल हैं.

दावा: बुलडोजर के साथ दिखती पुलिस और सरक्षाबलों का एक वीडियो बहराइच का बताकर इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि बहराइच में (Bahraich Violence) के आरोपियों के घर पर बुलडोजर चल गया है.

( ऐसे ही दावे करने वाले अन्य पोस्ट के अर्काइव यहां, यहां और यहां देख सकते हैं. )

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क्या यह दावा सही है ? नहीं, यह दावा सही नहीं है. यह वीडियो बहराइच का नहीं है बल्कि दिल्ली के तुगलकाबाद इलाके का है.

  • वायरल वीडियो बहराइच हिंसा से पहले से इंटरनेट पर मौजूद है. तुगलकाबाद इलाके में 30 अप्रैल 2023 को बुलडोजर की कार्रवाई की गई थी.

  • यह वीडियो तभी अपलोड की गई थी. बहराइच हिंसा के बाद यह रिपोर्ट लिखे जाने तक दुर्गा पूजा के जुलुस के दौरान हुई हिंसा के आरोपियों के घर पर बुलडोजर की कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

हमने सच का पता कैसे लगाया ? हमने इस वायरल वीडियो पर Google Lens की मदद से इमेज सर्च ऑप्शन का इस्तेमाल किया. हमारी सर्च में हमें इस क्लिप का पूरा वीडियो Nayan Mandal Production नाम के यूट्यूब चैनल पर मिला.

  • इस चैनल पर यह वीडियो 2 मई 2023 को अपलोड किया गया था.

  • हमने इस चैनल के एडमिन नयन मंडल से संपर्क किया जिन्होंने हमे बताया कि वायरल क्लिप उन्हीं के वीडियो से ली गई है, और तुगलकाबाद में चले बुलडोजर को लेकर उन्होंने ऐसे कई वीडियो अपलोड किए हैं.

दोनों वीडियो को ध्यान से देखने पर हमने पाया कि इनमें कई समानताएं थीं. Jio का बोर्ड, त्रिपाल का रंग, छत का तीन शेड और हू-ब-हू वही गली इस बात की तस्दीक करती है कि दोनों वीडियो एक की इलाके की है.

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नयन मंडल के यूट्यूब चैनल पर व्लॉगिंग के लिए अपलोड की गई इस वीडियो में इस बात की पुष्टि होती है कि यह वीडियो तुगलकाबाद गांव का है. दुकानों पर लिखे बोर्ड और वायरल वीडियो में शामिल बोर्ड में भी समानताएं देखीं जा सकती हैं.

न्यूज रिपोर्ट्स: The Quint समेत इस मामले पर रिपोर्ट की थी. इनमें रिपोर्ट्स में बताया गया था कि "30 अप्रैल 2023 को दिल्ली के तुगलकाबाद गांव के छुरिया मोहल्ले में भारी पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तैनाती देखी गई थी. यहां बुलडोजरों ने अवैध बस्तियों को ध्वस्त कर दिया था. ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि एक हफ्ते पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने 24 अप्रैल 2023 को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को चार हफ्ते के अंदर तुगलकाबाद किले और उसके आसपास के अतिक्रमणों को हटाने का निर्देश दिया था."

तुगलकाबाद में चले बुलडोजर पर आप The Quint की डिटेल्ड रिपोर्ट यहां देख सकते हैं.

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निष्कर्ष: तुगलकाबाद गांव में चले बुलडोजर के वीडियो को बहराइच हिंसा से जोड़कर वायरल किया जा रहा है, यह दावा गलत है.

(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर  9540511818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं.)

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