स्पेन की सड़कों पर भारतीय पोशाक में ढोल बजाते कुछ लोगों का वीडियो इस दावे के साथ वायरल हो गया है कि ये अयोध्या में राम मंदिर भूमि पूजन से पहले का जश्न है.
हमने पाया कि ये वीडियो असल में 2018 का है, जब पुणे का एक ढोला-ताशा ग्रुप इंटरनेशनल फोक फेस्टिवल के लिए स्पेन गया था.
दावा
इस वीडियो के साथ लोग लिख रहे हैं: "स्पेन मे राम मंदिर के निमार्ण के समर्थन पर हिन्दुस्तानी लोगो द्धारा निकाला गया ढोल-नगाडे के साथ एक छोटा सा शोभायात्रा.... 🚩 जय श्रीराम"
हमें जांच में क्या मिला?
ये वीडियो राम मंदिर के निर्माण का जश्न मनाते लोगों का नहीं है, बल्कि 2018 का पुणे के ढोल-ताशा ग्रुप, स्वरंगधर का है.
InVid पर कीफ्रेम से हमने एक-एक शॉट एनालाइज किया. इसपर रिवर्स इमेज सर्च करने पर, यूट्यूब का एक वीडियो मिला, जिसका टाइटल था: "Dhol Tasha on the streets of Spain (2) - Swargandhar Dhol Tasha Pathak". इस वीडियो को swargandhar dhol tasha pathak नाम के चैनल ने पोस्ट किया था.
इस वीडियो को 16 अक्टूबर, 2018 को पोस्ट किया गया था, और अब तक इसपर 1.3 करोड़ व्यूज आ चुके थे.
क्विंट ने इससे पहले इसी वीडियो को लेकर मई 2019 में एक और दावा डिबंक किया था. तब ये वीडियो शेयर कर दावा किया गया था कि लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी की जीत को लेकर अमेरिका में जश्न मनाया गया.
स्वरंगधार ग्रुप पुणे का एक ढोल-ताशा ग्रुप है, जो कि जून 2018 में इंटरनेशनल फोक फेस्टिवल के लिए स्पेन गया था. इस ग्रुप के फाउंडर, प्रसाद पिंपले ने क्विंट को बताया कि ये वीडियो स्पेन टूर का है.
“हमारी फेस्टिव में तीन परफॉर्मेंस थीं- एक स्टेज पर और दो स्ट्रीट परफॉर्मेंस. ये वीडियो हमारी स्ट्रीट परफॉर्मेंस का है. हमें सरकार ने नहीं भेजा था, तो एक तरह से हम भारत का प्रतिनिधित्व नहीं कर रहे थे. हमने फेस्टिवल में शामिल होने के लिए अप्लाई किया था और हम सलेक्ट हो गए थे.”प्रसाद पिंपले, फाउंडर, स्वरंगधार ढोल ताशा ग्रुप
वायरल वीडियो में 'स्वरंगधार' शब्द को ढोल के कवर पर भी देखा जा सकता है. इससे साफ होता है कि एक पुराना वीडियो गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है.
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